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कोविड-19 के खिलाफ जंग – भारतीय वायुसेना ने ऑक्सीजन कंटेनर, आवश्यक दवाओं एवं अन्य चिकित्सा उपकरणों को एयरलिफ्ट किया

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नई दिल्ली. भारतीय वायु सेना ने कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के खिलाफ लड़ाई में देश के विभिन्न भागों से ऑक्सीजन कंटेनरों, सिलेंडरों, आवश्यक दवाओं, कोविड अस्पतालों एवं सुविधाओं की स्थापना और उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक उपकरणों को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है. इन कार्यों को अंजाम देने के लिए भारतीय वायुसेना के परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों को लगाया है. इनमें परिवहन विमान सी-17, सी-130जे, आईएल-76, एएन-32 और एवरो शामिल हैं. चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के लिए कोच्चि, मुंबई, विशाखापट्टनम और बैंगलोर के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को एयरलिफ्ट किया गया है.

भारतीय वायुसेना के सी-17 और आईएल-76 विमानों ने अत्यावश्यक ऑक्सीजन के वितरण में तेजी लाने के लिए टैंकरों के उपयोग वाली जगह से देश भर के फिलिंग स्टेशनों तक इन बड़े खाली ऑक्सीजन टैंकरों को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा सी-17 और आईएल-76 ने लेह में अतिरिक्त कोविड टेस्ट सुविधा स्थापित करने के लिए बायो सेफ्टी अलमारियां और ऑटोक्लेव मशीनों को मिलाकर बड़ी मात्रा में सामग्री पहुंचाई है . भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर अल्प सूचना पर तैनात किए जाने के लिए एकदम तैयार हैं.

2020 में कोविड-19 प्रकोप के शुरुआती दिनों में भारतीय वायुसेना ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए आवश्यक दवाएं, चिकित्सा और अन्य आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने के साथ-साथ विदेशों से फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए कई उड़ानें संचालित की थीं.

कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा जर्मनी से ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों का आयात करेगी

सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) ने देश भर में कोवि़ड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच, जर्मनी से ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और कंटेनरों को आयात करने का फैसला किया है. जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन सयंत्र एयरलिफ्ट किए जा रहे हैं, जिन्हें उन एएफएमएस अस्पतालों में लगाया जाएगा जो कोवि़ड रोगियों की देखभाल कर रहे हैं.

प्रत्येक संयंत्र में प्रति मिनट 40 लीटर ऑक्सीजन और 2,400 लीटर प्रति घंटे की उत्पादन करने की क्षमता है. इस दर पर यह सयंत्र 24 घंटे में 20 से 25 मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान कर सकता है. इन सयंत्रों का लाभ यह है कि वे आसानी से रखे जा सकते हैं. भारत में एक सप्ताह के भीतर इनके आने की उम्मीद है.

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, रक्षा मंत्रालय ने चिकित्सा सेवाओं में अचानक आई डॉक्टरों की जरूरत को देखते हुए मंत्रालय ने फैसला लिया है कि एएफएमएस शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के तहत अपने सभी डॉक्टरों की सेवाएं 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी हैं. इससे एएफएमएस के डॉक्टरों की संख्या में 238 की बढ़ोतरी होगी और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी.

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