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कट्टरपंथी मुस्लिम उपद्रवियों से पीड़ित हिन्दुओं को कब मिलेगा न्याय?

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जयपुर. बारां जिले के छबड़ा कस्बे में बीते 11 अप्रैल को हुई चाकूबाजी, हिंसा, लूटपाट, आगजनी व मारपीट की घटना को लेकर हिन्दू समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. कट्टरपंथी मुस्लिम उपद्रवियों से पीड़ित हिन्दू व्यापारियों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर हिन्दू सुरक्षा समिति बारां के नेतृत्व में लगातर प्रदर्शन हो रहे हैं. छबड़ा के पीड़ित व्यापारियों ने राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम ज्ञापन सौंपा है. दबाव के चलते प्रशासन ने मंगलवार को उपद्रव के मुख्य आरोपियों में से एक आरोपी मुस्लिम युवक राजेश खान को गिरफ्तार किया है. आरोपी पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष निजामुद्दीन का भतीजा है. उपद्रवी खान की गिरफ्तारी के बाद ही छबड़ा सीआई रामानंद यादव का कोटा स्थानांतरण कर दिया. चर्चा यह भी है कि उपद्रव के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के कारण सीआई यादव का स्थानांतरण हुआ है. यादव के स्थानांतरण के विरोध में बुधवार को हिन्दू संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर, उपद्रव की जांच होने तक यादव का स्थानांतरण रद्द करने की मांग की है.

न्याय की मांग को लेकर हिन्दू सुरक्षा समिति बारां के तत्वाधान में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अनूठे ढंग से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसके तहत सप्ताह में कम से कम एक बार हिन्दू परिवारों के सदस्य अपने घर की चौखट, सीढ़ियों, चबूतरे पर 15 मिनट बैठते हैं. इस दौरान लोग अपने-अपने हाथों में मांगे लिखी तख्तियां, झंडियां व पताकाएं लिए हुए होते हैं. इस अनूठे सांकेतिक धरने को बारां के सभी व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों के साथ राजनीतिक संगठन शामिल हो रहे हैं.

विश्व हिन्दू परिषद के चित्तौड़ प्रांत के संगठन मंत्री धनराज ने बताया कि निर्दोष हिन्दू समाज के लोगों को प्रशासन द्वारा परेशान करने, झूठे मुकदमे लगाकर हिन्दू समाज के लोगों को पकड़ने, दोषियों को गिरफ्तार नहीं करने, उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन का रवैया सख्त नहीं होने, व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई शीघ्रातिशीघ्र करने जैसी मांगों को हम लगातार सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

इससे पहले आगजनी की घटना में शामिल मुख्य उपद्रवियों की तीन सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं पर पीड़ित व्यापारियों ने सोमवार को राज्यपाल के नाम उप जिला कलेक्टर मनीषा तिवारी को ज्ञापन दिया था. पीड़ित व्यापारी नरेश कालरा, अतुल जैन, अरुण गर्ग, अभिषेक जैन, संदीप जैन और योगेंद्र ने बताया कि 11 अप्रैल को 100- 150 उपद्रवियों की भीड़ हाथों में धारदार हथियार, तलवारें और ज्वलनशील पदार्थ लेकर आई. उपद्रवियों ने देखते ही देखते दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी. उपद्रव के सारे रिकॉर्ड फोटो, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल रिकॉर्डिंग पुलिस रिकॉर्ड में है. पीड़ित पक्षों ने नाम सहित मुख्य आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करा दिया था. इसके बावजूद भी मुख्य आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए. पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण आरोपी बाजारों में घूम रहे हैं. पुलिस फरार होने का बहाना बनाकर उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है.

हिन्दू सुरक्षा समिति के संरक्षक प्रताप सिंह नागदा कहते हैं कोराना से उत्पन्न परिस्थिति और दिशा निर्देशों के कारण बड़ा प्रदर्शन संभव नहीं है. इसलिए अपने अपने घरों के बाहर ही प्रद र्शन कर अपनी बात सरकार और प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं. इस मामले में निर्दोष हिन्दू भाइयों पर जबरन मुकदमें ठोके जा रहे हैं.

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