मेरी आवाज़ ही पहचान है…
2024 में भारत में रेडियो प्रसारण के 100 वर्ष पूरे हो गए. उनमें से लगभग 50 वर्ष अमीन सयानी जी का काल रहा.
‘भाईयो और बहनों, अगले पायदान पर है ये गाना….’ रेडियो पर दशकों तक अपने शानदार अंदाज में ‘बिनाका गीतमाला’ पेश करने वाले अमीन सयानी का कुछ दिन पहले 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अपने कार्यक्रमों में क्रांतिकारी पांडुरंग सदाशिव खानखोजे से लेकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक समाज के प्रतिष्ठित व्ययक्तियों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने का क्रम रही है. इसी क्रम में वर्ष 1998 में अमीन सयानी जी को संघ के गुरुदक्षिणा उत्सव में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था और उन्होंने निमंत्रण सहर्ष स्वीकार भी कर लिया.
कार्यक्रम में अमीन सयानी कहते हैं – “एकम् सत विप्रा बहुधा वदन्ति” ऐसा वेदों में कहा गया है, अर्थात सत्य एक है, विद्वान उसका वर्णन अलग-अलग शब्दों में करते हैं. “कुरान भी यही कहता है.”
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे गर्व है कि मेरे जैसे मुस्लिम को संघ के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया और वह भी विशेष अतिथि के तौर पर. मैं अपने जीवन में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में भाग ले रहा हूं और मैं यहां के वातावरण और मुख्य वक्ताओं के विचारों को सुनकर बहुत प्रभावित हुआ हूं.
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में ‘विवेक’ साप्ताहिक के संपादक रमेश पतंगे जी ने कहा था कि ‘डॉ. हेडगेवार कहते थे कि संघ में कोई नेता नहीं, कोई अनुयायी नहीं, सभी स्वयंसेवक हैं. प्रत्येक स्वयंसेवक संघ है. प्रत्येक स्वयंसेवक को विचारानुरूप व्यवहार करने वाला बनेगा तो संघ, समाज और राष्ट्र, सबका स्वास्थ्य ठीक रहेगा.
इसी विषय पर सयानी जी ने आगे कहा, ‘केवल संघ के स्वयंसेवक ही क्यों, समाज के प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा विचार करना आवश्यक है कि अगर मेरा आचरण ठीक है तो तब मेरा समाज, मेरा देश ही नहीं अपितु सारे विश्व का आचरण ठीक होगा’.
भले ही ये सदाबहार आवाज समय के पर्दे के पीछे चली गई हो, परंतु उनके शब्द हमेशा कानों में गूंजते रहेंगे.. अमीन जी हमेशा कहा करते थे – रेडियो पर आपकी पहचान आवाज से होती है, परंतु इस पहचान को बनाए रखने के लिए आपको स्वयं के व्यक्तित्व को पहचानकर स्वयं की शैली निर्माण करनी होगी. यदि आप वास्तव में लोगों का मनोरंजन और ज्ञानवर्धन करते हैं, तो दर्शक आपको कभी नहीं भूलेंगे.
अमीन सयानी जी ने दिल को छू लेने वाली आवाज से हर किसी के मन में अपनी अमिट जगह बनाई. उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि!