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वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नवनिर्मित बालाजी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले

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जम्मू. जम्मू के सिधरा में नवनिर्मित बालाजी का मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. करीब 62 एकड़ भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 2 साल की अवधि में पूरा हुआ. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू संभाग के सिधरा में स्थित प्रदेश के पहले बालाजी मंदिर (भगवान वेंकटेश्वर स्वामी) का उद्घाटन किया.

मंदिर के गर्भ गृह में 8 फीट ऊंची भगवान वेंकेटेश्वर की प्रतिमा स्थापित की गई है. प्रतिमा को बनाने में ग्रेनाइट का उपयोग किया गया है. मां वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले भक्त अब यहां तिरुपति बालाजी के दर्शन भी कर सकेंगे. जम्मू का ये मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा बनाया गया छठा बालाजी मंदिर होगा. इससे पहले TTD ने हैदराबाद, चेन्नई, कन्याकुमारी, दिल्ली और भुवनेश्वर में मंदिरों का निर्माण कराया था.

मंदिर का उद्घाटन वर्चुअल तरीके से गृहमंत्री अमित शाह ने करना था, परंतु व्यस्तता के कारण वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गृहमंत्री की ओर से क्षमा मांगते हुए बताया कि अमित शाह जी ने यह वायदा किया है कि वह जब कभी भी जम्मू में किसी कार्यक्रम के लिए आएंगे तो सबसे पहले भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करेंगे.

विशेष –

मंदिर जम्मू और कटरा के बीच के रास्ते में पड़ेगा. जिससे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले भक्त आसानी से तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन भी कर सकेंगे. मंदिर को बनाने में करीब 33.22 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं. तिरुपति बालाजी मंदिर सिधरा के मजीन गांव में 62 एकड़ भूमि में तैयार किया गया है.

मंदिर के परिसर में वेद पाठशाला, हॉस्टल, कल्याण मंडपम और वहानमंडपम का निर्माण किया गया है. गर्भ गृह में 8 फुट ऊंचे भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति स्थापित की गई है. आंध्र प्रदेश के ही 50 से अधिक कारीगरों ने मंदिर का निर्माण किया है. जून 2021 में मंदिर का शिलान्यास किया गया था.

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

करीब 62 एकड़ भूमि पर बने इस भव्य मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. जैसे मंदिर परिसर में वेद पाठशाला, हॉस्टल, कमरे, कल्याण मंडपम एवं वहान मंडपम का निर्माण किया गया है. बुधवार को आंध्र प्रदेश से आए 45 के करीब विद्वान पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रों के साथ प्राण-प्रतिष्ठा की गईं. इस दौरान काफी संख्या में भक्तजन पहुंचे थे. उपराज्यपाल ने जम्मू वासियों के लिए इस अवसर को आलौकिक बताते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि त्रिकुट पर्वत पर मां वैष्णो, कश्मीर में बाबा अमरनाथ और अब शिवालिक वनों में भगवान वेंकटेश्वर लोगों का कल्याण करने के लिए आए हैं. इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

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