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सेवा भारती के प्रयास से स्वदेशी झालर बनाकर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

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दीपावली त्यौहार को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए सेवा भारती द्वारा महिलाओं के समूह बनाकर दीपावली में डेकोरेशन के लिए झालर बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया है.

स्वदेशी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में शाजापुर के महूपुरा स्थित राम मंदिर के पास सेवा भारती द्वारा सृजनश्री नाम की संस्था बनाकर दीपावली के लिए स्वदेशी झालर बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया है. यहां पर गरीब महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. महिलाएं घर सजाने के लिए डेकोरेशन का सामान, व झालर अपने हाथ से बना रही हैं. यहां पर महिलाएं स्वयं सामग्री का निर्माण कर उसका विक्रय भी कर रही हैं.

झालर बना रही टीना सौराष्ट्रीय, निर्मला जाटव और नितेश्वरी बाई लाइट बनाने का कार्य कर रही हैं, इनके साथ अन्य महिलाएं भी जुटी हैं. स्वदेशी से स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ाते हुए सेवा भारती ने यह पहला प्रयास प्रारंभ किया है.

महिलाओं द्वारा दीवाली के लिए तैयार की गई लाइट कम दाम में उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि स्वदेशी को बढ़ावा मिल सके. 45 एलईडी बल्ब वाली झालर की कीमत केवल 100 रखी गई है. सोमवार को केंद्र के शुभारंभ अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने लाइट की झालर को क्रय किया. इस केंद्र पर प्रतिदिन महिलाएं झालर वाली लाइट बनाने का काम करेंगी और यहीं से इसका विक्रय करेंगी.

हर साल दीपावली में चायनीज झालरों की भरमार रहती थी. लेकिन इस बार दीवाली में चाइनीज के जगह स्वदेशी झालर लगेंगी. कोविड-19 और सीमा विवाद के चलते चीन का बहिष्कार हुआ. भारत के साथ अन्य देशों में भी चीन के सामान का बहिष्कार हो रहा हैं. ऐसे में भारत खुद आत्मनिर्भर बनकर स्वदेशी सामान बना रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय सामान की मांग बढ़ रही है. अब इस बार की दीवाली में स्वदेशी झालर व अन्य सामान का ही उपयोग किया जाए इसके लिए लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास सेवा भारती द्वारा लगातार चल रहे हैं.

One thought on “सेवा भारती के प्रयास से स्वदेशी झालर बनाकर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

  1. सेवा भारती में बनी स्वदेशी झालर कहां मिलेगी, 20 झालर चाहिये।

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