विदर्भ के दुर्गम माने जाने वाले क्षेत्र मेळघाट के धारणी में आयोजित मोतीमाता नारी शक्ति सम्मेलन में बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रही. बड़ी संख्या में जनजाति समाज की महिलाओं का सहभाग विशेष महत्व रखता है. नारी शक्ति सम्मेलन में पांच तहसीलों की महिलाएं उपस्थित रहीं.
नारी शक्ति सम्मेलन में रेणुका लोमटे उर्फ मायबाई ने कहा कि नई पीढ़ी को संस्कारक्षम बनाने हेतु महिलाएं प्रयास करें. भारतीय नारी अपने परिवार का पालन-पोषण करने में, उसे सुसंस्कृत बनाने में सक्षम है. अब नए आधुनिक युग में भी नई पीढ़ी को सुसंस्कृत और संस्कारक्षम करने की आवश्यकता है तथा वह यह कार्य कर सकती है.
धारणी के बालाजी मंगलम में आयोजित धारणी चिखलदरा, अंजनगाव सुर्जी, दर्यापुर आणि अचलपुर तहसीलों की महिलाओं के लिए नारी शक्ति सम्मेलन का आयोजन रविवार सात जनवरी को हुआ. रेणुका लोमटे की गरिमामय उपस्थिति रही. मार्गदर्शक के रुप में राष्ट्र सेविका समिति की आरती ताई तिवारी, मीराताई कडवे, डॉ. निरुपमा देशपांडे, सम्मेलन पालक नीताताई कीटकरू आदि उपस्थित रहे.
सम्मेलन की संयोजिका रेखाताई मावसकर एवं सह संयोजिका जयाताई खंडारे के मार्गदर्शन में महिलाएं सहभागी हुईं.
हरीगोविंद छात्रवास के स्थापना काल से रसोई के दायित्व का सफलता से निर्वाह करने वाली शांताबाई यादव का सम्मान किया गया. पारंपरिक नृत्य के मंचन से सम्मेलन को निराली छटा प्राप्त हुई. सम्मेलन की प्रस्तावना व नारी सम्मेलन का उद्देश्य रेखाताई मावसकर ने बताया. संचालन अपर्णा क्षीरसागर तथा आभार प्रदर्शन जयाताई खंडारे ने किया.