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दंतेवाड़ा – माओवादियों ने वृद्ध महिलाओं सहित ग्रामीणों को पीटा

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वामपंथ कितना हिंसक होता है, इसकी झलक तो पूरी दुनिया ने देखी है. ऐसे ही भारत के कई क्षेत्र उग्र वामपंथ की चपेट में हैं. वामपंथी/माओवादी/नक्सलियों के लिए कोई भी व्यक्ति यदि उनके विचार से भिन्न हो या मुख्यधारा से जुड़ रहा हो तो वे तुरंत उसे डराना धमका शुरू कर देते हैं, और न मानने पर हत्या तक करने से पीछे नहीं हटते.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादियों ने स्थानीय गरीब ग्रामीणों की जमकर पिटाई की. माओवादियों ने महिला, पुरुष, युवा सभी के साथ मारपीट की. पुलिस के अनुसार माओवादियों ने बुजुर्ग महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उनके साथ भी मारपीट की.

माओवादियों के डर के कारण पीड़ित ग्रामीण ना किसी से शिकायत कर रहे हैं, ना ही अस्पताल में इलाज करवाने जा रहे हैं. पुलिस जवानों को घटना की जानकारी मिली तो प्रशासन ने उनके इलाज की व्यवस्था की. पुलिस जवानों ने ही प्राथमिक इलाज किया और पीड़ित ग्रामीणों को दवाइयां दीं.

दरअसल, दंतेवाड़ा के पोटाली क्षेत्र में पुलिस का कैंप बना है. इस कैंप के बनने के समय से लेकर स्थापित होने तक स्थानीय ग्रामीणों में से कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था. पुलिस का स्पष्ट कहना था कि यह विरोध माओवादियों के इशारे पर हो रहा है. माओवादियों ने पास के ही निलवाया गांव के ग्रामीणों को कैंप खुलने में सहायता करने के आरोप में पीटा.

पोटाली क्षेत्र माओवादियों के लिए सबसे बड़ी पनाहगाह की तरह है. यह माओवादियों का गढ़ है. इस क्षेत्र में माओवादियों के स्मारक भी बने हुए थे, जिन्हें पुलिस कैंप बनने के बाद दंतेश्वरी फाइटर्स की महिला कमांडो की टीम ने तोड़ दिया है. इसी कैंप के विरोध में माओवादी क्षेत्र में लगातार गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.

इसके अलावा पोटाली के ही पटेल पारा मार्ग पर आश्रम के पास 7 किलोग्राम का टिफिन बम दंतेवाड़ा की बीडीएस टीम ने बरामद किया है. जवानों ने इसे बरामद कर निष्क्रिय कर दिया है. पोटाली में कैंप खुलने के बाद से माओवादी पुलिस और प्रशासन को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में हैं.

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