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राष्ट्र निर्माण के कार्य में समाज के प्रत्येक वर्ग को सहयोग करना चाहिए  – माधव विद्वान्स

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बिलासपुर (विसंकें). मध्य क्षेत्र के संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष का समापन समारोह, गुरुवार 13 जून 2019 को आयोजित किया गया. मंच पर अतिथि आगमन पर स्वागत प्रणाम के पश्चात ध्वजारोहण, व प्रार्थना हुई. समारोह में प्रदक्षिणा संचलन के पश्चात शिक्षार्थियों द्वारा शारीरिक प्रात्यक्षिक – गण समता, पदविन्यास, दण्ड संचालन, निःयुद्ध, सूर्यनमस्कार, योगासन आदि के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. शारीरिक प्रदर्शन के पश्चात सामूहिक गीत –

“युगपरिवर्तन की बेला में, हम सब मिलकर साथ चलें।

देश धर्म की रक्षा के हित, सहते सब आघात चलें।।

मिलकर साथ चलें, मिलकर साथ चलें..।।”

मंच पर आसीन अतिथियों का स्वागत एवं परिचय वर्ग कार्यवाह नवलसिंह भदौरिया ने करवाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध व्यवसायी एवं समाजसेवी सुधीर कुमार गुप्ता, मुख्य वक्ता मध्य क्षेत्र कार्यवाह माधव विद्वान्स, वर्ग के सर्वाधिकारी अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद तिवारी, बिलासपुर विभाग संघचालक काशीनाथ गोरे थे. वर्ग का प्रतिवेदन वर्ग कार्यवाह ने प्रस्तुत किया.

समापन समारोह के मुख्य अतिथि सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि ईश्वर ने हमें यह जीवन उपहार स्वरूप दिया है. प्रशिक्षण के दौरान जो भी आपको बताया गया, वह अपने जीवन में ग्रहण करने से वह उपहार बन जाएगा. प्रशिक्षण का कार्य पत्थर को तराशने जैसा होता है. चांदी की अच्छी सफाई तब होती है, जब उसमें अपना स्वयं का प्रतिबिंब दिखाई देता है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शिक्षार्थी यहां प्रशिक्षण लेकर समाजोपयोगी कार्य में जुटेंगे.

मुख्य वक्ता माधव विद्वान्स ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण वर्ग सम्पूर्ण देश में चलते हैं. इन प्रशिक्षणों से ‘सादा जीवन उच्च विचार’ को स्वयंसेवक आत्मसात करते हैं. स्वयं के कार्य को स्वयं करने का अभ्यास करते हैं. प्रतिदिन एक घंटा देने वाला स्वयंसेवक ऐसे प्रशिक्षण वर्ग से संघ कार्य के लिए सारा जीवन देने के लिए तत्पर हो जाता है. ऐसे प्रशिक्षण वर्गों में सामान्य स्वयंसेवक भी राष्ट्रसेवा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर मातृभूमि की सेवा में जुट जाता है.

नागपुर में एक शाखा से प्रारंभ हुआ संघ का कार्य आज देशभर में फैल चुका है. समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संघ के विविध संगठन, जो स्वायत्त और स्वतंत्र हैं, वे समाज के प्रत्येक व्यक्ति को साथ लेकर समाज हित में और राष्ट्र कार्य में जुटे हुए हैं. इन कार्यों से करोड़ों लोग प्रेरित हो रहे हैं. जैसे मजदूरों के क्षेत्र में मजदूर संघ, किसानों के क्षेत्र में किसान संघ, शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, संस्कार केन्द्र, पूर्व सैनिक परिषद, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान भारती, सेवा के क्षेत्र में सेवा भारती, वनवासियों के हितों की रक्षा करने हेतु वनवासी कल्याण आश्रम आदि 40 से अधिक संगठन समाज हित में कार्य कर रहे हैं.

उन्होंने देश की परिस्थितियों पर कहा कि, जैसे शरीर के सारे अंग एकजुट रहते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है, वैसे ही राष्ट्र के निर्माण में सभी को आपसी भेद भुलाकर एकजुट रहना आवश्यक है. संघ-स्थापना की कालावधि में हिन्दू अपनी पहचान को भूल गया था. आज हिन्दू स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता है. सभी से आह्वान किया कि, धर्म के मार्ग पर चलकर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समाज के प्रत्येक वर्ग को सहयोग करना चाहिए.

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