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राष्ट्रोत्थान के लिये छत्रपति शिवाजी महाराज का नित्य स्मरण आवश्यक – डॉ. मोहन भागवत जी

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रायगढ़. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि समाज में सुधार की इच्छा, शौर्य, ऐसे अनेक गुणों के प्रतीक रहे छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श हमें लेना चाहिए. और शिवाजी महाराज का अनुकरण कर आदर्श समाज निर्मिती के लिए प्रयास करना चाहिए. हम सब के आचरण से ही संपूर्ण विश्व को शिवाजी महाराज के कर्तृत्व का एहसास होना चाहिए. भारत का उत्थान करना है तो हमें श्रीराम, श्रीकृष्ण, श्री हनुमान और छत्रपति शिवाजी महाराज का विस्मरण नहीं होना चाहिए. राष्ट्रोत्थान के लिये शिवाजी महाराज की जीवनी मार्गदर्शक पुस्तिका के समान है.

रायगढ़ किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की 338वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. श्री शिवाजी रायगढ़ स्मारक मंडल, पुणे और स्थानिक उत्सव समिति, महाड द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

सरसंघचालक जी ने कहा कि हम सब भारतमाता के पुत्र हैं. यह ध्यान में रखकर जात-पात का भेद भूलकर, मित्रता बढ़ाकर, आपसी विश्वास निर्माण करना चाहिए. इससे ही समाज जीवन सुखी होगा. छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का अनुसरण कर देश के उत्थान के लिये कार्य किया तो सबका जीवन सुखी होगा. सरसंघचालक जी ने आग्रह किया कि इस उत्सव के निमित्त यहां आए सभी लोग जाते समय राष्ट्रोत्थान का संकल्प करके जाएं, और उसी तरह कार्य करें. शिवाजी महाराज ने अनेक भारतीयों को स्वराज्य स्थापना की प्रेरणा दी. परकीय शक्तियों से लड़ते समय समकालीन बहुतांश राजाओं ने शिवाजी महाराज का आदर्श सामने रखा था. बुंदेलखंड के छत्रसाल राजा के उदाहरण से यह जानकारी मिलती है.

श्री शिवाजी रायगढ़ स्मारक मंडल, पुणे और स्थानिक उत्सव समिति, महाड ने श्री शिवचरित्र अभ्यासकों श्री शिवपुण्यस्मृति रायगढ़ पुरस्कार से पुरस्कृत किया. तथा हिंदवी स्वराज्य के सरदार घराने तथा निवृत्त सैन्य अधिकारी का सन्मान भी किया गया. रायगढ़ किले पर जगदिश्वर मंदिर में पूजा, तथा हनुमान जयंती का कीर्तन व अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी संपन्न हुए.

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