करंट टॉपिक्स

हिन्दू समाज के विभाजन के कारण देश विभाजित हुआ और विभाजित देश को गुलाम बनना पड़ा – संत शम्भूनाथ जी

Spread the love

gujrat 2गुजरात (विसंकें). भारतीय समाज से अस्पृश्यता की कुरीति को दूर करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रयास शुरू किया गया है. इसी के तहत धर्म जागरण समन्वय विभाग द्वारा बड़ोदरा में रविवार (22 मार्च) को समरस महोत्सव का आयोजन किया गया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की “एक गांव, एक कुआं और एक शमशान” योजना के अनुसार हिन्दू समाज को ऊंच नीच के भेदभाव से बाहर लाकर सभी जाति एक है, यह भावना जगाने के लिए समरस महोत्सव का आयोजन किया गया.

महोत्सव में झंझारका स्थित संत सवैयानाथ मंदिर के पूज्य संत शम्भूनाथ जी महाराज, पूज्य द्वारकेशलाल जी, पूज्य ब्रजराज कुमार जी, कबीर मंदिर से पूज्य खेमदास साहेब जी, संतराम मंदिर से पूज्य भारतदास जी, इस्कोन मंदिर से स्वामी नित्यानन्द जी के अलावा अटलादारा, हरिधाम सोखडा और कारेलीबाग स्वामीनारायण मंदिर से कोठारी स्वामी, गायत्री उपासक पूज्य हर्षद बापा, हालोल स्वामीनारायण मंदिर से संतप्रसाद स्वामी जी उपस्थित रहे.

gujratइस अवसर पर अपने प्रवचन में संत शम्भूनाथ जी ने कहा कि संप्रदाय और जातिवाद के कारण हिन्दू समाज को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. हिन्दू समाज के विभाजन के कारण देश विभाजित हुआ और विभाजित देश को गुलाम बनना पड़ा. हिन्दू समाज के महत्वपूर्ण पुराणों की रचना महर्षि वेद व्यास जी द्वारा हुई, जो दलित समाज से थे. रामायण रचयिता संत बाल्मिकी जी भी दलित समाज से ही थे, उस कालखंड में संतों और ऋषियों को समाज द्वारा आदर सम्मान दिया जाता था. संत परंपरा समझाते हुए कहा कि भगवान रणछोड़राय जी ने द्वारका से भक्त बोडाना के साथ डाकोर जाते समय उनके निवास पर भोजन किया था. इस प्रकार भगवान ने कभी भी भक्तों के साथ भेदभाव नहीं रखा. आह्वान किया कि हिन्दू समाज को एक होकर समरस समाज का निर्माण कर राष्ट्र का विकास करना चाहिये.

gujrat 1समरस महोत्सव में इस्कोन मंदिर के बसुघोष दासजी ने संस्कृत में प्रवचन करते कहा कि राष्ट्र के सरल संचालन के लिये चार वर्णों की व्यवस्था की गई थी, इस वेद विचार में दूषण आने के साथ धर्म क्षीण होता गया. पश्चिम का अन्धा अनुकरण करने के बदले रामायण, महाभारत के मूल्यों का पालन करना चाहिये. इस अवसर पर विशाल कलश यात्रा तथा बाइक रैली का आयोजन किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *