करंट टॉपिक्स

स्वर्णिम अतीत, लक्ष्य सिद्ध करने वाला वर्तमान व समुज्जवल भविष्य

वर्तमान केन्द्र सरकार सांस्कृतिक विरासत के भू-क्षेत्रीय इतिहास के चरणबद्ध अध्ययन और उसके पुनरूत्थान और संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है, क्योंकि किसी देश...

हमारी ‘सर्वपन्थ समादर भाव’ की भावना विविधता का सम्मान करना सिखाती है – डॉ. कृष्णगोपाल जी

अमृतसर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि राष्ट्र के रूप में हम भारतवासी युगों से एक रहे हैं. इसका...

विभाजन की चुभन / २

‘डायरेक्ट एक्शन’ का डर...! प्रशांत पोळ हमारे देश में जब १८५७ का स्वातंत्र्य युद्ध समाप्त होने को था, उस समय अमरीका का दृश्य बड़ा भयानक...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग 12

सांडर्स का वध कर शेरे पंजाब लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि दी नरेन्द्र सहगल देशभक्त क्रांतिकारियों के मन में अपने वतन के लिए मर मिटने...

जनजाति समाज में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा

रक्षाबंधन का उत्सव देशभर में उत्साह से मनाया जाता है. सनातन संस्कृति में सबसे पवित्र संबंध भाई एवं बहन का होता है. इस पवित्र संबंध...

वे पन्द्रह दिन… / 12 अगस्त, 1947

https://www.youtube.com/watch?v=U5R_yMxQTow&feature=youtu.be स्वाधीनता का अमृत महोत्सव आज मंगलवार, 12 अगस्त. आज परमा एकादशी है. चूंकि इस वर्ष पुरषोत्तम मास श्रावण महीने में आया है, इसलिए इस...

विभाजन की चुभन – १

  विभाजन टल सकता था..! प्रशांत पोळ ‘और १५ अगस्त १९४७ को हमारा देश बंट गया..!’ इस वाक्य के साथ कहानी का अंत नहीं हुआ....

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग / 11

बलिदान से पहले मातृभूमि की वंदना, ‘रख दे कोई जरा सी खाक-ए-वतन कफ़न पे’ बिस्मिल, अशफाक, लाहिड़ी, रोशन सिंह ने पिया शहादत का जाम नरेन्द्र...

वे पंद्रह दिन… / 11 अगस्त, 1947

https://www.youtube.com/watch?v=hzEdG5UCP2A स्वाधीनता का अमृत महोत्सव आज सोमवार होने के बावजूद कलकत्ता शहर से थोड़ा बाहर स्थित सोडेपुर आश्रम में गांधी जी की सुबह वाली प्रार्थना...

हमारी लोक परंपराएं सेवा व समर्पण जैसे हमारे गुणों को भी दर्शाती हैं – जे. नंदकुमार जी

शिमला. पंचनद शोध संस्थान, अध्ययन केन्द्र शिमला, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व भाषा एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में 'लोक परंपराओं में भारत बोध' विषय...