जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक मुरलीधर ने कहा कि गाय हमारे लिये प्रकृति का अनुपम उपहार है. उसका संरक्षण युगधर्म की पुकार है. जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में अकाल की वजह से गोवंश के जीवन पर संकट आ गया है. संघ के प्रांत प्रचारक आदर्श विद्या मंदिर में गो संरक्षण पर आयोजित प्रबुद्धजनों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में संघ और सीमाजन कल्याण समिति के कार्यकर्ता गायों के लिये चारे-पानी का इंतजाम कर रहे हैं. संघ के पास कोई बैंक बैलेंस नहीं है. स्वयंसेवक ही संघ की पूंजी है. ऐसी स्थिति में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे ‘भामाशाह’ अर्थ समर्पण कर सहयोग करें.
बैठक में उपस्थित तारातरा मठ के महंत प्रतापुरी ने कहा कि हमारे जीवन के 16 श्रंगार गाय के बिना संभव नहीं हैं. सनातन धर्म में अपनी आय का दसवां हिस्सा दान करने की परम्परा रही है. अगर हम धर्म निभाने के लिये दान करेंगे तो अधर्म हमसे दूर रहेगा तथा शरीर भी नीरोगी रहेगा. प्रतापपुरी महाराज ने गोवंश की रक्षा के लिये चलाये जा रहे महायज्ञ में सभी से मुक्त हाथों से दान करने की अपील की है.
सीमाजन के जिला मंत्री शरद व्यास ने बताया कि संघ प्रचारक मुरलीधर और प्रतापपुरी महाराज के आह्वान पर वहां उपस्थित गो भक्तों ने मौके पर ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार गायों के चारे-पानी की व्यवस्था के लिये सहयोग राशि देने की घोषणा की. कारोबारी बिल्डर्स कैलाश खत्री ने 7 लाख रुपये, श्री लक्ष्मीनाथजी साख सहकारी समिति ने 2 लाख, डॉ. दाऊलाल शर्मा, नखतसिंह भाटी, फलोदी निवासी जगदीश कुमार और विनोद कुमार खत्री ने एक-एक लाख, भूरसिंह बीदा ने 51 हजार, मांगीलाल टावरी, मूलचंद खत्री व सत्यनारायण खत्री ने 25-25 हजार, लक्ष्मण खत्री, अमरचंद खत्री, मोहनलाल सोनी व राजेंद्र चांडक ने 21-21 हजार रु. की राशि का गोवंश को बचाने के लिये दान दी. अकाल राहत एवं गो संरक्षण समिति के संयोजक मुरलीधर खत्री ने उपस्थित लोगों को सीमाजन कल्याण समिति द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गो शिविरों व चारा डिपो से संबंधित जानकारी दी.
संघ के प्रचारकों ने गो शिविरों का निरीक्षण किया
अकाल के संकट में गायों की रक्षा के लिये सीमाजन कल्याण समिति द्वारा संचालित गो शिविरों का संघ के प्रांत प्रचारक मुरलीधर और विभाग प्रचारक बाबूलाल ने निरीक्षण कर वहां की जा रही व्यवस्थाओं को परखा. उन्होंने खुहड़ी, म्याजलार, करड़ा, पोछीना, बींजराज का तला, खारिया, चेलक आदि क्षेत्रों का भ्रमण कर वहां पर उपस्थित पशुपालकों से आत्मीयता से मिले. संघ पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि अकाल के संकट में संघ पूरी तरह से उनके साथ खड़ा है. उन्होंने शिविर में सीमाजन कार्यकर्ताओं व पशुपालकों द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जाहिर की. उनके साथ सीमाजन के उपाध्यक्ष अमरसिंह सोढ़ा और सहमंत्री वीरेंद्रसिंह बैरसियाला भी थे.