आगरा . हिंदू धर्म के प्रति बढ़ती आस्था का एक उदाहरण आगरा में देखने को मिला जहां 60 मुस्लिम परिवारों के 387 सदस्यों ने हिंदू धर्म को अपना लिया है. इसके साथ ही उन्होंने तिलक लगा जनेऊ भी धारण कर लिया. आपको बता दें कि मामला जिस बस्ती का है वहां कई सालों से कुरान की आयतें गूंजती थीं लेकिन सोमवार सुबह से यहां पर संस्कृत के श्लोक सुनाई दे रहे थे. यह परावर्तन धर्म जागरण समन्वय विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुआ.
आपको बता दें कि कई साल आगरा में गुजारने के बाद भी मुसाफिरों जैसी जिंदगी बिता रहे देवरी रोड स्थित वेद नगर में दर्जनों परिवार एक साथ रहते हैं. ये सारे लोग मूल रूप से पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहनेवाले हैं और करीब 17 साल से आगरा में कबाड़ का काम करते हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म जागरण प्रकल्प और बजरंग दल के कार्यकर्ता तीन माह से इनके बीच सक्रिय थे. इस्लाम धर्म को छोड़कर फिर से हिंदू धर्म अपनाने वाले लोगों का कहना है कि इनके पुरखे हिंदू थे, जिन्होंने किन्हीं कारणवश इस्लाम धर्म अपना लिया था. करीब 25 वर्ष बाद इन मुस्लिम परिवारों ने दुबारा अपने मूल धर्म में वापसी की.
इससे पहले सुबह सभी परिवारों को स्नान कराया और गाय के गोबर से भूमि का लेपन कर हवन कुंड बनवाया गया. काली माता की प्रतिमा स्थापित करा कर हवन-पूजन के बाद सभी को कलावा बांधकर तिलक लगाया और पुरुषों को जनेऊ पहनाये गये. ‘पुरखों की घर वापसी’ नाम के इस कार्यक्रम के तहत सभी नये घरों में भगवा ध्वज लगाया गया.
हिंदू धर्म स्वीकार करने वाली 70 वर्षीय सूफिया बेगम का कहना है कि मैं कुरान पढ़ती हूं और दिन में पाच बार नमाज अदा करती हूं. लेकिन अब इस उम्र में मैं भगवान गणेश की आरती करूंगी. उन्होंने कहा कि वह दोनों धर्म की शिक्षा में कोई बड़ा फर्क नहीं देखती हैं.
संघ के स्थानीय पदाधिकारी श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि यह पुरखों की घर वापसी का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा जिन लोगों ने हिंदू धर्म को स्वीकार किया है उन्हें जल्द ही नये नाम दिये जायेंगे. उन्होंने बताया कि 5000 से अधिक मुस्लिम और ईसाई धर्मावलंबी भी अलीगढ़ में शीघ्र ही आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिंदू धर्म में फिर से लौटेंगे. इस विशाल कार्यक्रम का आयोजन अलीगढ़ के माहेश्वरी कॉलेज में होगा. वहीं, इस कार्यक्रम के बारे में आगरा के ववरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शलभ माथुर ने कहा कि इस समारोह के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया गया. अगर लोग अपनी मर्जी से धर्म परिवतर्न करना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता, यह उनका मूल अधिकार है.