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जयपुर, 30 जनवरी। राष्ट्रीय एकात्मकता यात्रा के द्वितीय दिन गुरुवार को पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों से पधारे विद्यार्थियों ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में भ्रमण किया। राज्य के सबसे बड़े महिला महाविद्यालय महारानी महाविद्यालय में प्रतिनिधिमण्डल का संवाद कार्य्रकम आयोजित किया गया, जिसमें महाविद्यालय की प्राचार्या ने महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास एवं बालिका शिक्षा से सम्बन्धित नवाचारों से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। संवाद में विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों के अनुभव साझा किये गए। प्रो.पायल लोढ़ा ने कहा कि भारत की एक लंबी सांस्कृतिक यात्रा है। ऐसी राष्ट्रीय एकात्मकता यात्राएं उसे और मजबूती प्रदान करती हैं।
प्रतिनिधिमण्डल अपनी यात्रा के अगले चरण में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर पहुंचा। वहां आयुर्वेद विषय पर संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव कुमार से उनकी विस्तृत चर्चा हुई। कुलपति ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य न केवल औषधियों के भंडार हैं, अपितु वहां आयुर्वेद का प्राचीन ज्ञान भी है। आयुर्वेद में भारत के सांस्कृतिक वैविध्य के अनुरूप ही चिकित्सा पद्धति है। प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का भ्रमण भी किया और विभिन्न आयुर्वेद उपचार पद्धतियों जैसे पंच कर्म आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
SEAL प्रतिनिधिमंडल जैव विविधता को समझने हेतु अपनी यात्रा के अगले चरण में नाहरगढ़ जैव उद्यान और हाथी गाँव गया। अंत में संध्याकाल वापसी के समय भगवान गोविंद देव जी के मंदिर में दर्शन उपरांत मेजबान परिवारों के घर प्रस्थान किया।