Getting your Trinity Audio player ready...
|
पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथी मानसिकता से जुड़े लोग बेखौफ होकर देश की अस्मिता पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम जादवपुर विश्वविद्यालय से सामने आया है। असामाजिक तत्वों ने विश्वविद्यालय परिसर में आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन के नारे लिख दिए। विश्वविद्यालय की दीवार पर लगे पोस्टर की तस्वीरें सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। घटना को लेकर कोलकाता पुलिस ने मामला दर्ज किया है। घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं।
विश्वविद्यालय के गेट नंबर 3 के पास एक दीवार पर बने तस्वीर दिख रही है, जिसमें प्रतीकात्मक हाथ, कंटीली बेड़ियों से घिरा हुआ दिख रहा है, जिसके पास कुछ फूल भी हैं। नारे इसी तस्वीर के इर्द-गिर्द लिखे गए हैं। जानकारी के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत आपराधिक साजिश और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
इससे पहले बीते 1 मार्च को भी यहां विवाद हुआ था, जब 100 से ज्यादा छात्रों ने शिक्षा मंत्री को घेर लिया। शिक्षा मंत्री एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे, जिस दौरान छात्रों ने उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। छात्रों ने उन्हें जूते भी दिखाए थे।
जादवपुर यूनिवर्सिटी का इतिहास राजनीतिक सक्रियता और वैचारिक संघर्षों से भरा रहा है। यहाँ अक्सर छात्र आंदोलन और प्रदर्शन होते रहे हैं, जिनमें वामपंथी विचारधारा का प्रभाव प्रमुख रहा है। हाल ही के वर्षों में, टीएमसी और वामपंथी संगठनों के बीच छात्र राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई भी देखी गई है। घटना को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, हालाँकि “आज़ाद कश्मीर” और “फ्री फिलिस्तीन” जैसे नारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की ओर इशारा करते हैं, जो स्थानीय राजनीति से परे हैं। यह कट्टरपंथी तत्वों की मौजूदगी का संकेत हो सकता है, जो विश्वविद्यालय जैसे संवेदनशील स्थानों का इस्तेमाल अपनी बात फैलाने के लिए कर रहे हैं।