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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन क्षेत्र में मंगलवार को हिन्दू पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निंदा की। परिषद ने कहा कि धर्म पूछकर निर्दोष सैलानियों को गोली मारने का यह कायराना कृत्य मानवता के मूल्यों पर कलंक है। इस भीषण हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई तथा कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना सामाजिक समरसता और सभ्यतागत मूल्यों पर कुठाराघात है, जिसे किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस भीषण त्रासदी में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता है और शोक- संतप्त परिवार के साथ दुःख की घड़ी में साथ खड़ा है।
यह वीभत्स हमला आतंकवाद की जड़ें नष्ट करने की अनिवार्यता को पुनः रेखांकित करता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्र सरकार से मांग की कि हमले में संलिप्त आतंकियों और उनके स्थानीय सहयोगियों की पहचान कर कठोरतम दंड सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले समस्त तंत्र को ध्वस्त कर, इस पावन भूमि को आतंकमुक्त बनाया जाए। भारत की अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अब आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई अनिवार्य हो गई है।
महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, जम्मू – कश्मीर के बैसरन में जो पाशविक हमला हुआ है, वह प्रत्येक नागरिक के हृदय को आहत करने वाला है। निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या मानवता पर सीधा प्रहार है। आतंक के इन सौदागरों और उनके संरक्षकों को अब निर्णायक उत्तर देने का समय आ गया है। यह कायराना कृत्य न केवल सभ्यता के मूल्यों को चुनौती देता है, बल्कि भारत के सहिष्णु और शांतिप्रिय चरित्र पर भी एक संगीन हमला है।