दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रान्त द्वारा आर. ए. गीता विद्यालय, शंकर नगर, शाहदरा में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) का समापन समारोह सोमवार 16 जून 2025 को संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक जी मुख्य वक्ता तथा भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) राजेश कुमार जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता अनिल ओक जी ने समाज एवं स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन एवं स्वदेशी को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि पूजनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी, जिन्हें हम सभी पूजनीय डॉक्टर साहब भी कहते हैं, भारतवर्ष की तत्कालीन परिस्थितियों का गहन आकलन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हिन्दू समाज का संगठन किए बिना काम नहीं चलेगा। इसलिए उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। आज समाज में संघ को जानने की उत्सुकता की चर्चा करते हुए समाज से आह्वान किया कि वह संघ को बाहर से नहीं संघ के अंदर आ कर संघ को जानें।
उन्होंने कहा कि आज विश्व एक अंधेर गली से गुजर रहा है, ऐसे में आज पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है। विश्व में कुछ देश हैं जो कहते हैं कि हम विश्व को 21 बार नष्ट कर सकते हैं। लेकिन भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो कहता है कि हम 21 बार बसा सकते हैं। सदियों से सम्पूर्ण सृष्टि के लिए भारत का मंत्र रहा है – सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया।
मुख्य अतिथि एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) राजेश कुमार जी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल जी, संघ शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी डॉ. महेश व्यास जी उपस्थित रहे।
संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल 225 शिक्षार्थी भाग ले रहे हैं। जिनमें 222 दिल्ली से तथा एक मुंबई से एवं दो तेलंगाना प्रांत से शिक्षार्थी आए। 225 शिक्षार्थियों में से 93 स्कूल विद्यार्थी, 89 स्नातक से लेकर बी टेक, एम टेक एवं पीएचडी तक के विद्यार्थी तथा 43 कर्मचारी, प्राध्यापक, अध्यापक, सरकारी कर्मचारी एवं व्यवसायी शामिल हैं।
15 दिन तक चले वर्ग में शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार के औपचारिक प्रशिक्षण दिए गए। शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने हेतु प्रतिदिन सुबह शाम शारीरिक प्रशिक्षण हुआ। मानसिक एवं वैचारिक स्पष्टता हेतु बौद्धिक प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यकर्ताओं ने सामूहिक जीवन का प्रशिक्षण प्राप्त किया अर्थात सबके साथ समरस होकर सबको सहयोग करते हुए निश्चित व्यवस्था अनुसार अपने सभी काम पूर्ण करना।