नई दिल्ली।
भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री रविन्द्र हिमते ने दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि 23 जुलाई, 1955 को स्थापित भारतीय मजदूर संघ अपने स्थापना के 70 वर्ष 23 जुलाई, 2025 को पूर्ण करने जा रहा है। 70 वर्ष के अंतराल में भारतीय मजदूर संघ ने शून्य से शिखर तक की यात्रा तय कर श्रमिक क्षेत्र में अनेकानेक ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं हैं, वहीं दूसरी तरफ अन्य श्रम संगठनों को पीछे छोड़ते हुए देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन बनकर उभरा है। प्रतिष्ठित चिंतक, विचारक, तथा भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने मार्गदर्शक के रूप में 23 जुलाई, 1955 को मध्य प्रदेश की हृदयस्थली भोपाल में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की थी।
हिमते ने बताया कि 70 वर्ष के अवसर पर सम्पूर्ण देश में चलने वाले कार्यक्रमों का शुभारंभ 23 जुलाई, 2024 को भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी किया था।
इसी क्रम में 70 वर्ष पूर्ण होने पर समापन कार्यक्रम 23 जुलाई, 2025 को भव्य समारोह के रूप में मनाया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी होंगे। कार्यक्रम में समाज के अन्य गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि, राज्य तथा केन्द्र सरकार के मंत्री गण, अन्य श्रम संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी, समाज के अन्य प्रमुख व्यक्ति, तथा भारतीय मजदूर संघ की अखिल भारतीय विस्तारित कार्य समिति के सदस्य एवं भगिनी भाग लेंगे।
भारतीय मजदूर संघ दिल्ली प्रदेश की 110 यूनियन से लगभग 10000 की संख्या में सदस्य एवं कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस एक वर्ष के दौरान भारतीय मजदूर संघ ने संगठन के विस्तार एवं दूरदृष्टि तथा आर्थिक रूप मज़बूती हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये।
मुख्य रूप से श्रमिक महासंपर्क अभियान, पंच परिवर्तन (पर्यावरण, स्वदेशी, कुटुंब, प्रबोधन, सामाजिक समरसता एवं नागरिक कर्तव्य) विषय पर व्याख्यान माला, युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किये गए।
आज भारतीय मजदूर संघ के साथ 6300 से भी अधिक ट्रेड यूनियन संलग्न हैं तथा 44 अखिल भारतीय औद्योगिक महासंघ पूरे देश में कार्यरत हैं। आज भारतीय मजदूर संघ व्यापक विकासात्मक स्तर तक पहुँच चुका है।
भारतीय मजदूर संघ ने 70 वर्षों की यात्रा में श्रमिकों को संगठित कर उनके अधिकारों की रक्षा की है, उनका उचित वेतन, भत्ता, बोनस, प्रमोशन आदि का अधिकार दिलाने का कार्य किया है, साथ ही राष्ट्र ही सर्वोपरि की संकल्पना को साकार करते हुए कार्यकर्ताओं में राष्ट्रभक्ति की भावना के जागरण का काम बाख़ूबी किया है।