हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश।
जिला के टिप्पर स्थित ठाकुर राम सिंह स्मृति न्यास परिसर में चल रहे 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र) में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने बौद्धिक शिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। सरसंघचालक जी ने कहा कि संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, 100 वर्ष पूर्व संघ के विचार को मान्यता नहीं थी, उपेक्षा होती थी, फिर भी कार्य कर रहे थे। अभी संघ के विचार व कार्य को समाज की मान्यता प्राप्त है, समाज सक्रिय होकर कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि अपने समाज की संस्कृति के संरक्षण के लिए आपसी मतभेदों को भूलकर एक होने की आवश्यकता है, जिससे हिन्दू समाज और देश एक रह सके। हिन्दू धर्म, हिन्दू समाज, हिन्दू संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन को गति देने एवं समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान किया, ताकि अनुशासन एवं देशभक्ति से ओतप्रोत युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करे।
वर्ग कार्यवाह डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि सरसंघचालक जी कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम में चार दिन रहेंगे। इस दौरान वर्ग में आए स्वयंसेवकों के साथ विभिन्न सामाजिक विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे।
19 जून को होगा वर्ग का समापन
कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम में हिमाचल के अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ सहित कुछ अन्य प्रदेशों के स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अभी तक प्रशिक्षण वर्ग में सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी व अरूण कुमार जी, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी जी सहित अन्य कार्यकर्ताओं का सान्निध्य शिक्षार्थी स्वयंसेवकों को मिला है। 30 मई से शुरू हुए कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम में कुल 212 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। वर्ग का समापन कार्यक्रम 19 जून होगा। जिसमें समाज के गणमान्य बन्धु भगिनी आएंगे, समापन समारोह में मुख्य वक्ता संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी होंगे, टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट धर्मशाला के निदेशक बौद्ध भिक्षु जामयांग मुख्य अतिथि होंगे।