Getting your Trinity Audio player ready...
|
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए मंदिर फंड का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की भी अनुमति दे दी है। सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने शर्त रखी है कि अधिग्रहित भूमि देवता के नाम पर रजिस्टर्ड होगी। जमीन देवता यानी श्री बांके बिहारी जी महाराज के नाम से ही खरीदी जाएगी।
पीठ ने अपने आदेश कहा कि ऐतिहासिक मंदिर पुरानी संरचना है। उन्हें समुचित रखरखाव और मजबूत सहायता की जरूरत होती है। सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को संशोधित कर दिया। दरअसल, उच्च न्यायालय ने मंदिर के चारों ओर भूमि की खरीद पर रोक लगा दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीठ ने मंदिर के चारों ओर गलियारे के लिए 500 करोड़ रुपये की विकास योजना की जांच करने के बाद बांके बिहारी मंदिर की सावधि जमा से करोड़ों की धनराशि के उपयोग की अनुमति दी है।
पीठ ने कहा – हम उत्तर प्रदेश सरकार की योजना को पूरी तरह लागू करने की अनुमति देते हैं। बांके बिहारी जी ट्रस्ट के पास देवता और मंदिर के नाम पर काफी सावधि जमा है। राज्य सरकार को प्रस्तावित भूमि का अधिग्रहण करने के लिए उस सावधि जमा में मौजूद राशि का उपयोग करने की अनुमति है। मंदिर और कॉरिडोर के विकास के उद्देश्य से अधिग्रहित भूमि देवता/ट्रस्ट के नाम पर होगी।
वृन्दावन में श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए राज्य सरकार की विकास योजना को न्यायालय की मंजूरी विशेष रूप से बांके बिहारी मंदिर में 2022 की भगदड़ जैसी दुखद घटनाओं के मद्देनजर मिली है।
पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ब्रज योजना एवं विकास बोर्ड क्षेत्र के विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है, लेकिन सार्थक प्रगति के लिए सरकार, मंदिर ट्रस्ट, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल से सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।
पीठ ने टिप्पणी की कि मथुरा और वृंदावन ऐतिहासिक और पौराणिक शहर हैं। इनका वर्णन अधिकांश धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। पूरे साल लाखों देसी-विदेशी भक्त यहां आते हैं। ऐतिहासिक मंदिरों में दर्शन करने, भगवान कृष्ण और अन्य देवताओं के आशीर्वाद पाने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। दोनों तीर्थों में भक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए चौड़ी सड़कें, पार्किंग स्थल, धर्मशालाएं, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की आवश्यकता है।