दिल्ली, 12 जून। भारत के आर्थिक व सामाजिक परिदृश्य को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए जन-जन को स्वदेशी का उपयोग करने हेतु प्रेरित करने के लिए देश के 200 से अधिक संगठन आगे आए हैं।
स्वदेशी जागरण मंच के समन्वय में गुरुवार को दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित शंखनाद कार्यक्रम में देश के 200 से अधिक सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक, किसान, उद्योग एवं शैक्षणिक संगठनों के प्रतिनिधि एक साथ एक मंच पर एकत्र हुए।
मंच के संयोजक आर. सुंदरम ने कहा कि देश के सभी 800 से अधिक जिलों के हर गांव तक यह अभियान पहुंचेगा, यह अभियान कोई एक संगठन अथवा एक व्यक्ति नहीं, अपितु देश की 145 करोड़ जनता का अभियान होगा।
इच्छा से देशी (अपने आस पास के जिलों में बना हुआ समान), आवश्यकता से स्वदेशी (भारत देश में कहीं भी निर्मित वस्तु), मजबूरी में विदेशी, और मजबूरी को समाप्त करने का प्रयास अभियान का मूल मंत्र होगा।
उद्यमिता से ही गुणवत्ता पूर्ण रोजगार सृजन हो सकेगा, इसलिए “हर युवा उद्यमी, हर घर स्वदेशी के नारे को अपनाने का आग्रह एवं शपथ जनता के बीच अभियान के अंतर्गत पहुंचाई जाएगी।
स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान के शंखनाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख भारत भूषण, कैट के बीसी भरतीया, उद्योग व्यापार मंच मुकुंद मिश्रा, व्यापारी सुरक्षा फोरम के अशोक गोयल, एमएसएमई डेवलेपमेंट फॉर्म के रजनीश गोयनका सहित विविध संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे तथा अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक प्रो भगवती प्रकाश, डॉ. अश्वनी महाजन, डॉ. धनपत अग्रवाल, अजय पतकी, प्रो. राजकुमार मित्तल, अखिल भारतीय महिला प्रमुख अर्चना मीणा उपस्थित रहे।
मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्विनी महाजन की “स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन” तथा मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल की “विश्व आर्थिक युद्ध और स्वदेशी ब्रह्मास्त्र” पुस्तकों को लोकार्पण किया गया।
शंखनाद कार्यक्रम का संचालन मंच के राष्ट्रीय विचार विभाग प्रमुख राजीव कुमार, जितेंद्र गुप्त एवं दीपक शर्मा ने किया।