विजयवाड़ा/दिल्ली।
आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीताराम राजू जिले के रामपचोदवरम और मारेडपल्ली के बीच पहाड़ी इलाकों में बुधवार सुबह ग्रे हाउंड पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य गजराला रवि उर्फ उदय उर्फ गणेश सहित तीन वरिष्ठ नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।
मारे गए नक्सलियों में जोनल कमेटी की सदस्य अरुणा और एक नक्सली अंजू शामिल हैं। मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की गई हैं, जो नक्सलियों की हिंसक मंशा को दर्शाती हैं। अल्लुरी सीताराम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित बरदार ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए नक्सलियों के खिलाफ एक “ऐतिहासिक जीत” करार दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, नक्सल विरोधी अभियानों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित ग्रे हाउंड कमांडो को खुफिया जानकारी मिली थी कि मारेडपल्ली के घने जंगलों में नक्सलियों का एक बड़ा समूह किसी हमले की योजना बना रहा है। सूचना के आधार पर, ग्रे हाउंड ने रामपचोदवरम और मारेडपल्ली के बीच पहाड़ी क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू किया।
बुधवार सुबह, जब जवान जंगल में आगे बढ़ रहे थे, नक्सलियों ने उन पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, और दोनों पक्षों के बीच 25 मिनट तक गोलीबारी चली। मुठभेड़ में गजराला रवि उर्फ़ उदय, अरुणा, और अंजू मारे गए, जबकि कुछ अन्य नक्सलियों के भागने की आशंका है।
पुलिस ने बताया कि “यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ हमारी रणनीति का हिस्सा था। गजराला रवि जैसे सेंट्रल कमेटी सदस्य का मारा जाना नक्सली संगठन के लिए एक बड़ा झटका है। हमने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं, और अन्य नक्सलियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।”
गजराला रवि, तेलंगाना के भूपालपल्ली जिले (पूर्व में वारंगल जिला) के वेलिशाला गाँव का रहने वाला था, 1990 से नक्सली आंदोलन से जुड़ा था। वह आंध्र-उड़ीसा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (एओबीएसजेडसी) का सचिव था और माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
रवि पर कई आतंकी हमलों, सुरक्षाबलों पर घात, और वैचारिक प्रचार में शामिल होने के आरोप थे। उस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, रवि की पत्नी भी एक नक्सली थी, पहले एक मुठभेड़ में मारी जा चुकी है।
गजराला रवि का मारा जाना माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला है। वह न केवल आंध्र-उड़ीसा सीमा क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों का मास्टरमाइंड था, बल्कि मध्य भारत में उनकी वैचारिक रणनीति का भी एक प्रमुख चेहरा था।
नक्सलवाद के खिलाफ बढ़ता अभियान
यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ हाल के महीनों में सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाइयों का हिस्सा है। आंध्र-उड़ीसा सीमा क्षेत्र, जो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से सटा हुआ है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है।
हाल ही में, 29 मार्च 2025 को सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर उपमपल्ली केरलापाल इलाके में हुई मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे, जिसमें डीवीसीएम रैंक का नक्सली जगदीश भी शामिल था। इसी तरह, 11 जून 2025 को सुकमा के कुकानार थाना क्षेत्र में पुसगुन्ना जंगल में 5 लाख के इनामी नक्सली बमन सहित दो नक्सली ढेर हुए थे।