जनकल्याण समिति की प्रेरणा से स्क्रीनिंग में लगीं महिला कार्यकर्ता
ठाणे, मुंबई. कोरोना के खिलाफ जंग में मातृशक्ति भी फ्रंटलाइन पर कार्य कर रही है. ठाणे को कोरोना मुक्त करने के अभियान में 350 कार्यकर्ता हॉटस्पॉट का चप्पा-चप्पा छान रहे हैं. ठाणे में हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित क्षेत्रों में महिला स्वयंसेवी भी फीवर ओपीडी, दवाइयों का वितरण, घर-घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य कर रही हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति की प्रेरणा से 300 कार्यकर्ता, 32 चिकित्सक, 18 परिचारिकाएं अभियान में लगे हैं. हॉटस्पॉट में कोरोना की चेन तोड़ने का प्रयास चल रहा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता, चिकित्सक, 18 परिचारिका और 11 राहत केन्द्रों की सहायता से ठाणे महानगरपालिका के इंदिरा नगर, हनुमान नगर, रूपादेवी मार्ग, राम नगर, किसान नगर, लोकमान्य नगर, परेरा नगर, चेंदनी कोलीवाडा आदि क्षेत्रों में पिछले दो महीनों से ‘कोरोनामुक्त ठाणे’ अभियान चला रहे हैं. 25 हजार लोगों तक जनकल्याण समिति के कार्यकर्ता पहुंचे हैं. उन्होंने छह हजार से अधिक बुखार से पीड़ितों की जांच की और बुखार के 366 रुग्णों का उपचार किया. तथा 50 से अधिक कोरोना संक्रमितों का पता लगाया.
कोरोना चेन तोड़ने के लिए सर्वेक्षण, फीवर क्लीनिक चलाना, कोरोना के संदिग्ध रोगियों को क्वारेंटाइन करने का कार्य चल रहे हैं. दूसरी तरफ लोगों की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए शहर के मुम्बरा, कलवा खारेगांव, विटावा, ठाणे पूर्व, नौपाडा, खोपट, वृन्दावन, वागले इस्टेट, लोकमान्य , पोखरण, मानपाडा, वडवली आदि क्षेत्रों में एक हजार से अधिक परिवारों में आयुर्वेदिक काढ़े का पाउडर तथा साढ़े सात हजार से अधिक लोगों को आयुष काढ़ा टेबलेट का वितरण किया गया.
जनकल्याण समिति के पुरुष स्वयंसेवकों के साथ महिला टीम ने भी ‘कोरोना मुक्त ठाणे’ अभियान में सहभाग लिया है. चेंदनी कोलीवाडा हॉटस्पॉट में पिछले चार दिनों से महिला टीम काम कर रही है. महिला कोरोना योद्धाओं ने परिसर के दो हजार घरों के सात हजार दो सौ नागरिकों का सर्वेक्षण किया और सौ से अधिक रुग्ण ढूंढ निकाले. 7200 नागरिकों को प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए आयुर्वेदिक गोलियाँ बांटी गयी. ठाणे महानगरपालिका आयुक्त संदीप म्हालवी ने हॉटस्पॉट पर आकर महिला टीम का उत्साह बढ़ाया.
कोरोना चेन तोड़ने के लिए घर-घर जाने वाली टीम का नागरिकों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया. महिला टीम की सदस्यों ने कहा कि हमारे घर से हमें प्रोत्साहन मिला, चिंता से विवश होकर परिवार के लोग हमें शायद घर से बाहर नहीं जाने देते. परन्तु जनकल्याण समिति के मार्गदर्शन में काम करने के लिए उन्होंने हमें जाने दिया.