गोरखपुर. गोरक्षनाथ पीठ के महन्त अवेद्यनाथ ब्रह्मलीन हो गये. शुक्रवार, 12 सितंबर की रात गोरक्षनाथ चिकित्सालय में उन्होंने अंतिम सांस ली. वह 95 वर्ष के थे. इससे पहले शाम को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल से उन्हें यहां लाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाइक ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद सहित कई विशिष्टजन उनके अंतिम दर्शन के लिये शनिवार को गोरखपुर आ रहे हैं.
सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर महन्त अवेद्यनाथ को 14 जुलाई को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 11 सितंबर को उनकी हालत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी और गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ वहां पहुंच गये. शुक्रवार की सुबह महन्त अवेद्यनाथ को गोरखपुर लाने का निर्णय लिया गया. शाम पौने छह बजे एयर एंबुलेंस से उन्हें यहां लाया गया. एयरपोर्ट से उन्हें गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय ले जाया गया. मंदिर की ओर से रात में उनके ब्रह्मलीन हो जाने की जानकारी दी गई.
महन्त अवेद्यनाथ के देहावसान की खबर मिलते ही शहर भर में शोक की लहर दौड़ गई. उनके सम्मान में गोरखपुर शहर के स्कूल और कॉलेज आज बंद रहेंगे. सर्राफा एसोसिएशन ने दो दिनों तक बाजार बंद रखने की घोषणा की है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शनिवार को महंत अवेद्यनाथ के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को गोरखपुर आयेंगे. बड़ी संख्या में वीआईपी मूवमेंट और कानून व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन शुक्रवार की देर रात तक तैयारियों में जुटा रहा.
रात लगभग 11 बजे गोरखनाथ मंदिर से लौटने के बाद मंडलायुक्त आरके ओझा ने डीएम-एसएसपी समेत प्रशासन और पुलिस के बड़े अफसरों की अपने शिविर कार्यालय पर बैठक बुलाई. तय हुआ कि शनिवार की सुबह से ही बरगदवां और ट्रैफिक चौराहे से ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया जायेगा. कानून व्यवस्था के दृष्टिगत गोरखनाथ मंदिर और शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेंगे. महंत जी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिये गोरखपुर और बस्ती मंडल के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं की भारी संख्या में आने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गये.
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जगह-जगह बैरियर बनाए जा रहे हैं. बाहर से आने वाले बाहरी वाहनों को बरगदवां, खोराबार और दूसरे हाईवे पर ही रोक दिया जाएगा. किसी भी बड़ी गाड़ी को शहर में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा. एयरफोर्स से लेकर मंदिर तक ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए प्रशासन और पुलिस के अफसरों को जिम्मेदारी बांट दी गई है. जिला प्रशासन हर छोटी-बड़ी सूचना के लिए मंदिर प्रशासन में संपर्क बनाए हुए हैं.
देर रात तक कमिश्नर और डीएम वहीं डंटे रहे. एडीएम सिटी बद्री नाथ सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात तक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के गोरखपुर आने का कार्यक्रम आ गया था. जैसे-जैसे वीआईपी के कार्यक्रम आते जाएंगे, प्रशासन उनके लिए व्यवस्था करता रहेगा. मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल को भी अलर्ट कर दिया गया है. सर्किट हाउस समेत सभी सरकारी गेस्ट हाउस पर लोगों को ठहराने के इंतजाम कर दिए गए हैं.
अंतिम दर्शन आज, कल समाधि
शनिवार सुबह आठ बजे से मंदिर परिसर में महन्त अवेद्यनाथ के अंतिम दर्शन किए जा सकते हैं. रविवार को मंदिर परिसर में उनके गुरु ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ की समाधि के पास ही उन्हें समाधि दी जाएगी.
कर्मभूमि पर अंतिम सांस लेने की इच्छा
मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि महन्त अवेद्यनाथ पूर्व में ही बीमारी के दौरान अपनी कर्मभूमि पर अंतिम सांस लेने की इच्छा जता चुके थे. उधर मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने भी उनकी हालत को लेकर चिंता जताई थी. उनकी इस इच्छा के चलते ही उन्हें वापस गोरखपुर लाने का फैसला किया गया.
अमर उजाला