शिमला (विसंकें). भट्ठाकुफर में गौवंश की हत्या के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा शिमला में प्रदर्शन किया गया. भारतीय गौ क्रांन्ति मंच, वंदे गौ मातरम्, गौ रक्षा सेना हिमाचल प्रदेश एवं संत श्री रविदास धर्मसभा सहित अनेक संगठनों ने प्रदर्शन में भाग लिया. धरने की शुरूआत जिलाधीश कार्यालय के बाहर नारेबाजी से हुई. इस संदर्भ में एक ज्ञापन भी जिलाधीश रोहन चंद ठाकुर को सौंपा गया. ज्ञापन में दोषियों को शीघ्र पकड़ने का आग्रह किया गया. संगठनों ने शेरे ए पंजाब तक एक रैली भी निकाली, जिसमें गौरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया गया.
वंदे गौ मातरम् गौ रक्षा सेना के प्रदेशाध्यक्ष देवराज कपिल ने कहा कि भटठाकुफर में गौवंश हत्या के मामले में 24 घंटों के भीतर गौ हत्यारों को सलाखों के पीछे डाला जाये. उन्होंने प्रदेश में गौ तस्करी रोकने के लिए कड़ी कार्यवाही करने की मांग की. अन्य वक्ताओं द्वारा गौ वंश के संवर्धन और रक्षण के लिए मौजूदा सत्र में कानून लाने की मांग भी की. वक्ताओं का कहना था कि विधानसभा में गौहत्या का विरोध किया जाये. प्रदेश में हो रही गौ हत्याओं पर चिंता जताते हुए वक्ताओं ने इसे तुरंत बंद करने का आह्वान भी सरकार से किया. इस प्रदर्शन में संत श्री रविदास धर्मसभा के प्रदेशाध्यक्ष कर्मचंद भाटिया, गौ क्रान्ति मंच के प्रदेशाध्यक्ष बंसी राम, वंदे गौ मातरम् गौरक्षा सेना के प्रदेशाध्यक्ष देवराज कपिल एवं मीडिया प्रभारी पवन शर्मा सहित स्थानीय लोगों तथा विभिन्न संगठन कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
गौ संरक्षण के लिए सरकार करेगी हरसंभव प्रयास – वीरभद्र सिंह
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि सरकार राज्य में बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय देगी. विभिन्न स्तरों पर गौशालाओं का निर्माण किया जायेगा. बाहरी राज्यों से आने वाले पशुओं को रोकने के लिए प्रवेश द्वार पर चौकियां स्थापित की जायेंगी. हर पंचायत स्तर पर अभी गौशालाएं नहीं बनायी जा सकती, इसलिए गौशालाओं का निर्माण कलस्टर स्तर पर किया जायेगा. पशुओं को आवारा पशु नहीं कहा जाना चाहिए, आवारा वे लोग हैं जो उनका उपयोग करके बेसहारा छोड़ देते हैं. सरकार की ओर से गौ संवर्धन बोर्ड का गठन किया जायेगा, जिसे दस करोड़ की राशि आबंटित की गयी है.
हिमाचल के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा का कहना था कि जो लोग पशुधन का उपयोग करके उनको बेसहारा छोड़ देते है, उन लोगों के खिलाफ पंचायत के लोगों को शक्तियां प्रदान की गयी है. पंचायत प्रतिनिधियों को इन शक्तियों का उपयोग करना चाहिए. अनिल शर्मा का कहना था कि गौ संवर्धन के लिए आगे आ रहे संगठनों को गौवंश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है. पुरानी गौशालाओं के संवर्धन के लिए एवं संचालन के लिए यही बोर्ड काम करेगा.
विधायकों का कहना था कि गौ संरक्षण के लिए सामाजिक संगठन आगे आ रहे हैं, उन संगठनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. मंदिर कमेटियों के नाम जमीन कर उनके माध्यम से गौ सदन चलाने की बात की. लोगों से आह्वान किया कि गौसेवा के काम में आगे आना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने बाहरी राज्यों से आने वाले पशुओं पर चिंता व्यक्त की.