जालन्धर (विसंके). भारतीय समाज को जातिमुक्त करना व जातिगत विष को समाप्त करना ही हमारी तरफ से बाबा साहिब भीमराव अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समरसता विपभाग की ओर से संविधान प्रणेता बाबा साहिब भीमराव अम्बेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के उप-चेयरमैन डाक्टर कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने व्यक्त किये. उन्होंने कहा कि बाबा साहिब के राष्ट्र निर्माण में दिए गये सहयोग को कई युगों तक याद किया जाता रहेगा.
समारोह में श्री रविदासी समाज के संत बाबा निर्मल सिंह पिंड अवादान मुख्य अतिथि के रूप में व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर सह-संघचालक श्री विजय गुलाटी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे. मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि पीड़ादायक बात है कि जिन परिस्थितियों के चलते बाबा साहिब जैसी हुतात्माओं को अपमानजनक हालात का सामना करना पड़ा, हमारे देश के बहुत बड़े हिस्से में भी वैसी परिस्थितियां आज भी बनी हुई है, जिनको बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हमारे गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर चारों दिशाओं व सभी जातियों को एकजुट कर मानवजाति का निर्माण किया और समरस समाज बनाया. आज हमें गुरु जी द्वारा दिखाये गये मार्ग का अनुसरण करना होगा अन्यथा जातिवाद जो देश की जड़ें खोद रहा है, इस देश को और भी क्षति पहुंचायेगा.
श्री जसवीर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी समाज में जातिवाद की जकड़न से मुक्ति के प्रयास कर रहा है और हमें विश्वास है कि समाज की शक्ति से हम एक दिन अपने लक्ष्य में अवश्य सफल होंगे.
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-प्रांत संपर्क प्रमुख श्री जसवीर जी ने कहा कि बाबा साहिब को धर्मांतरित करने के लिये इस्लामिक व इसाई जगत ने काफी प्रयास किये परंतु उन्होंने बौद्ध धर्म को इस विशेषता के चलते अपनाया कि इसका आस्था केन्द्र अपना देश भारत ही है.
उन्होंने कहा कि अगर डाक्टर साहिब मुसलमान या इसाई बने होते तो आज देश के हालात कुछ और ही होने थे. बाबा निर्मल सिंह जी पिंड अवादन ने उपस्थित लोगों को आशीर्वाद दिया और कहा कि डाक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने समाज के कमजोर व दलित वर्ग के उत्थान के जिस काम को शुरू किया था उसे पूरा करना हमारे पूरे समाज की जिम्मेदारी है.