रांची. (विसंकें). झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के दो-दो मंत्री लव जिहाद के प्रकरण में फंसे है तो इनके तीसरे मंत्री श्री योगेन्द्र साव जो कृषि मंत्रालय को देखते है, ने राज्य में उग्रवादी संगठन “झारखण्ड टाइगर” का गठन किया है.
झारखण्ड पुलिस के हत्थे चढ़ा इस उग्रवादी संगठन के सरगना राजकुमार गुप्ता ने पुलिस के सामने यह सनसनीखेज खुलासा किया की उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर का गॉड फादर वर्तमान कृषिमंत्री योगेन्द्र साव हैं. यह उग्रवादी संगठन रांची, रामगढ़, हजारीबाग चतरा पलामू आदि जिले में लेवी वसूलने समेत अनेक घटनाओं को अंजाम देता था. गिरफ्तार उग्रवादी ने स्वीकार किया किया कि मंत्री आवास पर वह अपने उग्रवादी साथियों के साथ कई बार गया है और उन्होंने संगठन को कई बार आर्थिक मदद भी प्रदान की.
गुप्त सूचना के आधार पर डीएसपी एच.एल.रवि के नेतृत्व में पुलिस दल ने मंगलवार को हुए छापेमारी में चुम्बा नामक गाँव से राजकुमार गुप्ता सहित उसके पांच साथिओं को गिरफ्तार किया. इन उग्रवादियों के पास से दो कार्बाइन, दस गोली, छह मोबाइल सेट और दो बाइक बरामद की गईं. इस उग्रवादी संगठन के सरगना के पुलिस के समक्ष दिए इकबालिया बयान को कृषि मंत्री योगेन्द्र साव ने साजिश करार दिया है.
इसी तरह लव जिहाद पीड़िता तारा शाहदेव के मामले में झारखण्ड के दो मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान अभियक्त रंजीत उर्फ़ रकीबुल से अपने किसी भी प्रकार के सम्पर्क से इनकार करते रहे किन्तु जैसे- जैसे जांच आगे बढ़ रही है, दोनों मंत्रियो का चेहरा बेनकाब होता जा रहा है. अब जब कि झारखंड में हेमंत सरकार के तीन-तीन मंत्रियों पर बेहद गंभीर आरोप लग चुके हैं, ऐसे में, मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा इन तीनों आरोपी मंत्रियों को अभी तक बर्खास्त नहीं करने को लेकर आम जनता के बीच काफी चर्चायें हो रहीं हैं. इनमें एक चर्चा यह भी है कि कुछ दिन पहले मंत्री जी रांची से दिल्ली जाने के क्रम में कोडरमा स्टेशन पर बगैर किसी पूर्व सूचना के उतर गये और घंटों इधर-उधर टहलते रहे. बाद में प्रशासन को किसी ने सूचना दी तो इन्हें वहां से ले जाया गया. लोगों का कहना है कि जिन लोगों के जिम्मे राज्य की व्यवस्था और विकास है, वे इस तरह के उग्रवाद और अपराध को संरक्षण देकर झारखंड में किस तरह के शासन की नई परंपरा शुरू करना चाहते हैं ?