पटना (विसंकें). बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के निदेशक डीके सिंह जी ने कहा कि डॉक्युमेंट्री निर्माण एक सामाजिक दायित्व है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को संरक्षित करने का कार्य करता है. ऐतिहासिक घटनाओं का दस्तावेजीकरण भी डॉक्युमेंट्री के माध्यम से किया जा सकता है. डीके सिंह जी शनिवार को विश्व संवाद केंद्र के सभागार में पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा आयोजित डॉक्युमेंट्री निर्माण कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि डॉक्युमेंट्री निर्माण में शोध कार्य का सबसे अधिक महत्व होता है. शोध जितना गहन होगा, डॉक्युमेंट्री उतनी ही उत्कृष्ट बनेगी. बिहार में डॉक्युमेंट्री निर्माण के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. इस दिशा में जो भी उचित सहयोग होगा वो सरकार की तरफ से किया जाएगा.
प्रसिद्ध फिल्म विश्लेषक प्रो. जय देव ने कार्यशाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्युमेंट्री फिल्में अर्थात् वृत्तचित्र यथार्थ का सृजनात्मक संकलन है. तथ्यों के साथ-साथ सृजन का भी महत्व डॉक्युमेंट्री निर्माताओं को समझना चाहिए. ऑस्कर विजेता डॉक्युमेंट्री ‘ग्लास’ के प्रदर्शन के पश्चात उस पर चर्चा करते हुए डॉ. जय देव ने डॉक्युमेंट्री निर्माण में दृश्य, ध्वनि, रंग के महत्व को विस्तार से बताया.
बिहार के डॉक्युमेंट्री निर्माता रणधीर सिंह, नीरज यादव ने डॉक्युमेंट्री निर्माण के विभिन्न पहलुओं प्री प्रोडक्शन, पोस्ट प्रोडक्शन, शूटिंग, एडिटिंग आदि के बारे में प्रतिभागियों को बताया. ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत डॉक्युमेंट्री फिल्मकार आनंद कुमार ने डॉक्युमेंट्री निर्माण में आने वाली चुनौतियों तथा आवश्यक संसाधनों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने अपने द्वारा निर्मित फिल्मों का उदाहरण देते हुए फिल्म निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों को साझा किया. कार्यशाला के दौरान लघु फिल्म ‘द मारर्टियर’ का प्रदर्शन किया गया. पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा पिछले महीने आयोजित डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माण प्रतियोगिता के परिणाम की घोषणा आनंद कुमार ने की. कार्यशाला का संचालन पाटलिपुत्र सिने सोसायटी के संयोजक प्रशांत रंजन ने किया.