चेन्नई. हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन क्लब में धोती पहने होने के नाते मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश डी. हरिपारंथमन को प्रवेश नहीं देने का मामला गरमा गया है. इस मुद्दे को द्रमुक सहित अन्य दल तमिलनाडु विधानसभा में उठाने की तैयारी में हैं.
द्रमुक प्रमुख एम. करूणानिधि एवं टीएनसीसी अध्यक्ष बीएस ज्ञानदेसिकन ने मांग की कि किसी भी सार्वजनिक समारोह या स्थल पर ड्रेसकोड खत्म किया जाये. करूणानिधिन ने कहा, वाएटी (धोती) तमिलनाडु की संस्कृति का प्रतीक है और किसी को धोती पहने होने के कारण सार्वजनिक स्थल या कार्यक्रम में प्रवेश करने से रोकना निंदनीय है.
न्यायाधीश डी. हरिपारंथमन को हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस अरूणाचलम की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में जाने से इसलिये रोक दिया गया था कि उन्होंने धोती पहन रखी थी. न्यायाधीश हरिपारंथमन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. माकपा ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कही है, जबकि पीएमके रामदास ने अंग्रेजों की परंपरा को खत्म करने की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीआर कृष्ण अय्यर को 1980 में जिमखाना क्लब में जाने से रोक दिया गया था. इस पर उन्होंने गेस्ट पुस्तिका में विरोध दर्ज कराया था. उन्होंने राज्य विधानसभा में इस पर कानून बनाने की मांग की थी, जिससे राज्य की संस्कृति का सम्मान नहीं करने पर ऐसे क्लबों को दंडित किया जा सके.