पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पुणे महानगर की ओर से 18 से 28 अगस्त 2016 के बीच सामाजिक रक्षाबंधन – संदेश पर्यावरण का नामक अनूठा उपक्रम चलाया जाएगा. प्लास्टिक एवं ई-कचरा मुक्त पुणे हेतु सामाजिक रक्षाबंधन महा अभियान द्वारा संघ की ओर से जनजागरण किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा वर्ष में मनाए जाने वाले छह उत्सवों में से एक रक्षाबंधन को सामाजिक आयाम देने का निर्णय लिया है. इसके अंतर्गत ई-कचरा और प्लास्टिक कचरा इन समस्याओं पर दस दिनों तक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा. पर्यावरण जनजागरण के लिए, खासकर प्लास्टिक और ई-कचरे के संदर्भ में बड़े पैमाने पर जनजागरण किया जाएगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुणे महानगर संघचालक रवींद्र वंजारवाडकर जी, पुणे महानगर कार्यवाह महेशराव करपे जी, सामाजिक रक्षाबंधन उपक्रम के प्रमुख राजन गोर्हे जी, पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र मणेरीकर जी और महेश पोहनेरकर जी ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के 3 जनवरी 2016 को संपन्न शिवशक्ति संगम महासांघिक में पर्यावरण रक्षा के लिए सभी उपाय किए गए थे. शिवशक्ति संगम में उपस्थित सभी 80 हजार से अधिक स्वयंसेवकों के भोजन के लिए सुपारी के पन्नों से बनी थालियां, पानी पिने के लिए प्लास्टिक की बजाय स्टील के गिलासों का प्रयोग, स्वच्छतागृह आदि के अलावा अन्य उपाय भी पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण से नया रास्ता बनाना सरल हुआ था. “शिवशक्ति संगम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा हाथ में लिया गया पर्यावरण संरक्षण का यह व्रत पुणे महानगर के लिए अधिक उपयुक्त साबित हो, इस उद्देश्य से सामाजिक रक्षाबंधन – संदेश पर्यावरण का नामक महा अभियान हाथ में लिया गया है.”
इस संबंध में अगले कदम के रूप में कचरा देने के लिए संकलन केंद्र पर आने वाले नागरिकों को स्वयं सहायता गुटों के सहयोग से पुराने कपड़ों से बनी थैलियां बांटने की योजना भी विचाराधीन है, जिससे रोजमर्रा जीवन में प्लास्टिक थैलियों का प्रयोग कम हो.
गुरूवार, 18 अगस्त 2016 से लेकर संघ के स्वयंसेवक एवं विभिन्न संस्था-संगठनों के कार्यकर्ता घर घर जाकर संपर्क करेंगे. महाअभियान का समापन रविवार, 28 अगस्त 2016 को होगा. अभियान में नागरिकों को उनका कचरा (प्लास्टिक और ई-कचरा दोनों) 28 अगस्त 2016 को सुबह 9 से दोपहर 1 तक महा अभियान के अंतर्गत बने हुए संकलन केंद्रों में लाकर देना है. शहर में 44 केंद्र तथा 300 से अधिक उपकेंद्रों पर यह कचरा इकठ्ठा किया जाएगा. उसके बाद वैज्ञानिक पद्धति द्वारा उसे प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व में शहर के जनप्रतिनिधि, 70 से अधिक संस्थाएं, संगठन और बैंक इस महा अभियान में सहभागी होंगे. इस 10 दिवसीय महा अभियान में लगभग 15 हजार से अधिक कार्यकर्ता, 1.5 लाख से अधिक छात्र सक्रिय सहभाग लेंगे. इसके माध्यम से स्वयंसेवक एवं कार्यकर्ता पर्यावरण संरक्षण का संदेश लगभग 5 लाख से अधिक घरों तक पहुंचाएंगे.
कचरे का निपटारा वैज्ञानिक पद्धति से होगा
इस महा अभियान के अंतर्गत संकलित होने वाले कचरे का निपटारा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक पद्धति से होगा. इसके लिए शहर के कचरे का निपटारा करने वाली मान्यता प्राप्त संस्थाओं की मदद ली जाएगी. इसमें पूर्णम इकोविजन फाउंडेशन, महालक्ष्मी ई-रिसाइकलिंग, रुद्र एन्वायरमेंटल सोल्युशन, सागरमित्र, क्लीन गार्बेज आदि संस्था सहभागी है तथा इन सभी संस्थाओं ने पूरी मदद करने की तैयारी की है.
महाअभियान में सहभागी संस्थाएं एवं संगठन
महा अभियान में डेक्कन एजुकेशन सोसायटी, महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी, शिक्षण प्रसारक मंडली, महर्षि कर्वे स्त्री शिक्षा संस्था, इंडियन एजुकेशन सोसायटी, जनता सहकारी बैंक, जनसेवा बैंक, उद्यम बैंक, संपदा सहकारी बैंक तथा विश्व हिन्दू परिषद, स्व-रूपवर्धिनी, भारतीय मजदूर संघ, स्वानंद जनकल्याण प्रतिष्ठान, निरामय प्रकल्प, सुराज्य सर्वांगिण विकास प्रकल्प, सेवा आरोग्य फाऊंडेशन, शिवसमर्थ प्रतिष्ठान आदि सहित कई संस्थाएं सहभागी है.