बाबा साहेब पर ई-चित्रकला प्रतियोगिता के परिणाम घोषित
नई दिल्ली. बाबा साहेब ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीय समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया. अभाव भरे जीवन में भी श्रेष्ठ कार्य किया जा सकता है, इसके परिचायक थे बाबा साहेब. बाबा साहेब का नारा ही नहीं अपितु ध्येय था स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा, यानि आधुनिक सन्दर्भ में उन्होंने धर्म की व्याख्या दी थी, वास्तव में बाबा साहेब राष्ट्रीय महापुरुष थे. उन्होंने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित हो, बाबा साहेब ने जो भी बात कही पहले उन्होंने उसे अपने जीवन में आत्मसात किया. दलित, पीड़ित, गरीब, पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष करते हुए बाबा साहेब ने कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लिया. बाबा साहेब कहते थे – मैं संघर्ष करता हूँ, लेकिन मेरा कोई शत्रु नहीं है. बाबा साहेब का जीवन हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायी है.
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने न्यास द्वारा आयोजित ई-चित्रकला प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आम्बेडकर जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया था.
प्रतियोगिता में देश के प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधित्व रहा. देशभर से 86,467 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की. इतनी बड़ी संख्या में चित्रों की प्रविष्टि का भी यह अपने आप में कीर्तिमान स्थापित हुआ है.
प्रतियोगिता में 14 वर्ष आयु वर्ग में बलिया उत्तरप्रदेश के हिमांशु गुप्ता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, उधमपुर जम्मू-कश्मीर के अभिनव मंगोत्रा ने द्वितीय एवं कछार असम के हेनरी मोकाहारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
15 से 18 वर्ष आयु वर्ग में नवादा बिहार की नीतांशी कुमारी ने प्रथम, आगरा उत्तरप्रदेश की लावण्या लोधी ने द्वितीय एवं भोपाल के सम्यक शिंदे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. नागालैंड की स्मिता देवी, असम की इन्द्राक्षी हलदार, पश्चिम बंगाल के अद्रिजा दास व दिल्ली की दीप्ति को प्रोत्साहन पुरस्कार मिला.
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 5,100/-, द्वितीय को 3,100/- व तृतीय को 2,100/-रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. प्रोत्साहन पुरस्कार में प्रतिभागियों को 1,100/- रुपये दिए जाएंगे.