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भारत का प्राचीन गौरवशाली इतिहास छात्रों को पढ़ाने की आवश्यकता – जे. नंदकुमार जी

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कटनी, महाकौशल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार जी ने कहा कि अक्षरों के माध्यम से पुस्तकों को पढ़ने की रूचि बढ़ाने को छात्रों के लिये तरह-तरह के आयोजन करने चाहिएं. राष्ट्रीय विचारों से भारतीय समाज को एकजुट बनाये रखने का सबसे बेहतर माध्यम पुस्तक है. वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन इतिहास पाठ्यक्रम से नदारद है, जिससे आज के छात्र अनभिज्ञ हैं. इसलिए पाठ्यक्रम में बदलाव कर भारत का प्राचीन गौरवशाली इतिहास छात्रों को पढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत से साहित्य जगत से जुड़े साहित्यकार व शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थी देश को तोड़ना चाहते हैं. पर इस देश को तोड़ पाना संभव नहीं है. यह देश चिरपुरातन काल का है. जब हमारे वेदों की रचना हुई थी. उससे भी पहले की हमारी यह हिन्दू संस्कृति है. समाज में हर किसी को अच्छा साहित्य मिलना चाहिये और इस तरह के पुस्तक मेले का आयोजन सभी जगह होना चाहिये. साथ ही इसकी व्यापकता भी बढ़नी चाहिये. हमें बड़ा सोचना व बड़ा करना पड़ेगा, तभी हम अपनी मंजिल को पा सकेंगे. नंदकुमार जी 04 जनवरी को स्थानीय साधुराम विद्यालय में आयोजित 7वें पुस्तक एवं स्वदेशी मेले में सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चित्रकूट महात्मा गाँधी ग्रामीण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरेश चन्द्र गौतम जी कहा कि पुस्तक लिपिबद्ध कार्यक्रम या वास्तु है, जिससे अतीत को जान सकते हैं. आदिकाल से पत्थर और पत्तों पर लिखा जाता था जो अब कागज पर लिखा जाने लगा है. किताब से संस्कार और संस्कृति की जानकारी मिलती है, जिसमें शालीनता, सरलता और स्वच्छता रहती है और इस तरह के पुस्तक मेले से यह क्रम निरंतर जारी रहता है.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कैल्डरीज वाईस प्रेसिडेंट सतेन्द्र कुमार जी ने कहा कि पुस्तक मेले का सभी लाभ उठायें. आयुध निर्माणी महाप्रबंधक डीवी राव जी ने कहा कि हमेशा से ही कलम तलवार से बड़ी रही है. इतिहास के पन्नो में कई ऐसे उदाहरण हैं, मुंशी प्रेमचंद जैसे समाज विचारकों ने अपने लेखन से समाज की बुराईयों को दूर करने का काम किया है. मंचासीन अन्य अतिथियों में जिला संघचालक किशोर बागडिया जी और पुस्तक मेले के संयोजक डॉ. जिनेन्द्र द्विवेदी रहे.

विश्व संवाद केंद्र महाकौशल न्यास द्वारा पत्रकारों के विकास हेतु कार्यक्रम व संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है और इसी तरह कटनी शहर में 7वें राष्ट्रीय सहिय पुस्तक एवं स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है. पुस्तक मेले में 40 विविध स्टालों के साथ-साथ राष्ट्रीय सिख संगत तथा श्री सत्य साई प्रेम ज्योति द्वारा आकर्षक सचित्र ऐतिहासिक प्रदर्शनी लगाई गई है.

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