मेरठ (विसंके). दृष्टिहीनों व विकलांगों के विकास हेतु समर्पित राष्ट्रीय संगठन ‘सक्षम’ द्वारा विश्व विकलांग दिवस पर यहां बच्चा पार्क चौराहे पर 3 दिसम्बर को भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत लोगों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धान्जलि अर्पित की गयी.
इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने विचार रखे. प्रान्तीय मंत्री मुकेश रस्तोगी ने बताया कि 3 दिसम्बर 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री से आधी रात के समय रसायन मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) का रिसाव शुरू हुआ, जिसने पूरे भोपाल शहर को गैस चैम्बर में बदल दिया था. लोग सड़कों पर बदहवास भाग रहे थे, उल्टियां कर रहे थे और तड़प-तड़पकर जान दे रहे थे. अन्तिम संस्कार के लिये शहर में लकड़ियाँ तथा श्मशान घाट भी कम पड़ गये थे. यह भारत की पहली बड़ी औद्योगिक आपदा थी.
इस घटना में 5,295 लोग मारे गये थे और 6,199 लोग स्थायी रूप से विकलांग हुये तथा लगभग 5 लाख लोग प्रभावित हुये थे. आज भी घटना के 30 वर्ष पूरे होने पर पीड़ित लोग सरकारों से इन्साफ की प्रतीक्षा में है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिवस को ‘विश्व विकलांग दिवस’ घोषित किया था. अतः सक्षम घटना में मारे गये लोगों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धान्जलि अर्पित करता है.
इस अवसर पर सर्व श्री अतुल गुप्ता, राकेश आर्य, विनय शर्मा, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, रामकुमार एडवोकेट, सुरेश अग्रवाल (जे.पी.), राधेश्याम शर्मा आदि सक्षम के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे.