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रायसेन के जनजाति बहुल गाँवों में 88 स्थानों पर संचालित किए जा रहे सेवा कार्य

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रायसेन, मध्यभारत (विसंकें). कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन ने जनजाति क्षेत्र को भी प्रभावित किया है. यहां प्रभावितों की सहायता के लिए शिशु मंदिरों, एकल विद्यालय के अध्यापकों, अध्यापिकाओं, व अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा भी सेवा कार्य में सहयोग किया जा रहा है.

विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने बताया कि सभी सेवा कार्य समाज के सहयोग से संचालित किए जा रहे हैं. हमारा दायित्व है कि इस कठिन समय में सभी जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा सकें. इसके साथ ही समाज का संगठन होने के नाते हम उनकी समस्याएं दूर करने में सहायक सिद्ध हो सकें.

जिले में जनजाति बहुल 88 गांव में सेवा कार्य संचालित किए जा रहे हैं. जनजाति क्षेत्र के 105 कार्यकर्ता प्रमुख रूप से इन केंद्रों का कार्य संभाल रहे हैं. इनके अतिरिक्त अन्य कार्यकर्ता भी लगातार सहयोग कर रहे हैं.

गांव में बड़ी संख्या में खेतिहर मजदूर वापस लौट कर आए हैं. इनके सामने रोजी रोटी का संकट भी है. ऐसे में इनकी सहायता करने के लिए विद्या भारती की जनजाति क्षेत्र के विद्यालय 15 स्थानों पर भोजन वितरण केंद्र संचालित कर रहे हैं. भोजन बनाने का यह कार्य समाज, अभिभावकों, पूर्व छात्रों एवं विद्यालय की सहायता से चल रहा है.

24 जनजाति केंद्रों पर बनाए जा रहे मास्क

जनजाति क्षेत्र के 24 केंद्रों पर विद्यालयों के आचार्य एवं दीदी मास्क सिलने का कार्य कर रहे हैं. ये ऐसे गांव हैं – जिनमें से अधिकांश में दवाई की दुकान भी नहीं है. ऐसे में मास्क मिल पाना संभव नहीं है. इस समस्या को देखते हुए विद्यालय की आचार्य एवं दीदी मास्क बनाकर जनजाति क्षेत्र के लोगों को वितरित कर रहे हैं.

पूर्व छात्र भी कर रहे सेवा, और सहायता

विद्यालयों के पूर्व छात्र भी मुसीबत की घड़ी में जनजाति क्षेत्रों में सेवा कार्य संचालित कर रहे हैं. जिले में 88 स्थानों पर संचालित सेवा कार्यों में 265 पूर्व छात्र प्रमुख रूप से कार्य कर रहे हैं. यह पूर्व छात्र 8 स्थानों पर राशन वितरण केंद्र संचालित कर रहे हैं. जहां से गरीबों और असहाय लोगों को भोजन के लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. छह स्थानों पर भोजन निर्माण का कार्य किया जा रहा है. प्रशासन के सर्वेक्षण, राशन आपूर्ति आदि कार्यों में भी यह पूर्व छात्र सहयोग दे रहे हैं.

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