जालंधर (विसंकें). किसी भी राष्ट्र की शक्ति उसके समाज में निहित होती है और शक्तिशाली समाज का आधार उसके सभी वर्गों में परस्पर समरसता है. कृष्ण भक्त मीरा की धरती राजस्थान के नागौर में 11 से 13 मार्च तक चली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में हिस्सा लेकर लौटे संघ के पंजाब प्रांत के सह संघचालक ब्रिगेडियर (से.नि.) जगदीश गगनेजा जी गोपाल नगर स्थित डॉ. हेडगेवार भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि देश में संघ कार्य बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और सेवा कार्यों में भी स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.
ब्रिगेडियर गगनेजा जी ने बताया कि देश में हजारों सालों से ऋषि-मुनियों व मनीषियों ने जो हिंदू चिंतन दिया है, वह श्रेष्ठ जीवनकला है. कालांतर के बाद समाज में कुछ कुरीतियों ने घर कर लिया. जिसका निराकरण वर्तमान की चुनौती है. किसी भी तरह से समाज में भेदभावपूर्ण व्यवहार उचित नहीं कहा जा सकता. हमें अपने समाज के पिछड़े हिस्से को बराबरी दिलवा कर अपने समाज और अंतत: देश को मजबूत करना है. उन्होंने हर नागरिक से परिवारिक व सामाजिक जीवन में समरसतापूर्ण व्यवहार करने का आग्रह किया.
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा में पारित तीन प्रस्तावों में संघ ने समाज में समरसता लाने के साथ-साथ गुणवत्ताशाली सर्वसुलभ शिक्षा प्रणाली व सस्ती स्वास्थ्य सेवा विकसित करने का समाज के साथ-साथ शासन व प्रशासन से आग्रह किया है. देश में महंगी होती शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर संघ ने गहरी चिंता जताई है और सरकार से शिक्षा के व्यापारीकरण पर अंकुश लगाने के लिए नियामक आयोग को प्रभावी बनाने की मांग की है. ब्रिगेडियर गगनेजा जी ने कहा कि सरकार से शिक्षा का बजट कम मिल रहा है. दूसरी ओर निजी संस्थाओं का व्यवसायीकरण के उद्देश्य से क्षेत्र में आना चिंता का विषय है. निजीकरण की प्रक्रिया के बाद शिक्षा महंगी हुई है. आज प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालयीन स्तर तक की शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है. इसके चलते सामान्य घर से आने वाले छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन हो गया है. संघ का मानना है कि शुल्क निर्धारण और सुविधाओं का मापदंड तय करने के लिए नियामक आयोग को और अधिक शक्तियां देकर इसे प्रभावी बनाया जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षा को व्यापक बनाने के लिए धार्मिक, सामाजिक एवं उद्योग समूहों से आगे आने का आह्वान भी किया.
ब्रिगेडियर गगनेजा ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा तो अत्यन्त महंगी हो गई है, डिग्री पूरी करते ही चिकित्सक डिग्री में लगा पैसा निजी व्यवसाय द्वारा सामान्य व्यक्ति से वसूलना प्रारंभ कर देता है. कई क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं अनुपलब्ध हैं. जहां हैं, वहां भी बहुत महंगी है. स्वास्थ्य सेवाएं सहज और सबको सस्ती उपलब्ध हों. सरकार जेनेरिक औषधियों को प्रोत्साहन दे ताकि सभी को सस्ती दवाईयां मिल सकें. केन्द्र सरकार द्वारा हाल के बजट में 3000 जेनेरिक औषधि केन्द्र खोलने का स्वागत करते हुए कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन हो.
देश में संघ कार्य की प्रगति के बारे में बताया कि विगत वर्ष 2015 के मुकाबले इस साल शाखा स्थान 33223 से बढ़ कर 36867 हो गए हैं. इसमें 3644 स्थानों की वृद्धि दर्ज की गई है. देशभर में 5527 शाखाएं बढ़ी हैं. इसी तरह संघ के सेवाकार्यो में भी गति आई है. संघ देश में 152388 सेवा प्रकल्प चला रहा है. इसमें शिक्षा के 81, 278, स्वास्थ्य के 22,741, सामाजिक संस्कार के 26,388, स्वावलंबन के 21,981 प्रकल्प शामिल हैं. प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख रामगोपाल जी भी मौजूद थे.