मुंबई (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले जी ने कहा कि हिन्दू सभ्यता में महिलाओं को सदैव पूजनीय और वंदनीय माना गया है. कई हजार वर्षों से हम स्त्री रूप में देवताओं की पूजा करते आए हैं. ऋषि-मुनि एवम् प्राचीन ग्रंथों में स्त्री को शक्ति का दर्जा दिया गया है. स्त्री के कारण ही सृजन – सृष्टि की निर्मिति संभव है. यह स्त्री शक्ति हमें सदैव पूजनीय है.
सह सरकार्यवाह जी इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज़ (आईसीसीएस) द्वारा आयोजित छठे त्रैवार्षिक वैश्विक परिषद के उद्घाटन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. परिषद का उद्घाटन केशव सृष्टि के रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी में हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबले, पद्मभूषण वेदप्रकाश नंदा जी, पद्मविभूषण सोनल मानसिंह जी सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे. प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के जाने माने विद्वान विश्वभर से परिषद में भाग लेने के लिये आए हैं. सभी मान्यवरों के हस्ते अग्रपूजा कर परिषद का शुभारंभ हुआ. इस समय शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया. मुंबई के नजदीक उत्तन में बसे केशव सृष्टि में चार दिनों की वैश्विक परिषद का आयोजन किया जा रहा है. आईसीसीएस द्वारा आयोजित वैश्विक परिषद में 31 देशों से 250 से ज्यादा विद्वान सहभागी हो रहे हैं.
विश्व में अनेकानेक प्राचीन सभ्यताओं का अस्तित्व था और आज भी है. परंतु, आज अनेक नागरिक अपनी सभ्यता की पहचान खो बैठे हैं. सभ्यता का महत्व जानने वाले सज्जन, विद्वान, धर्मगुरूओं को एक मंच पर लाना और इस माध्यम से संस्कृति का पुनरुज्जीवन होना, विश्व को इन सभ्यताओं का परिचय करवाना, सभी सभ्यताओं में जो समान सूत्र हैं, उसके मध्यम से मनुष्य एक-दूसरे के करीब आए, सब एक-दूसरे से बंधुभाव का रिश्ता रखें, ये वैश्विक परिषद के आयोजन का उद्देश्य है.