नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र ने भारत की सबसे प्राचीन और पारंपरिक भाषा संस्कृत को अपने चार्टर में शामिल कर लिया है. ऐसा पहली बार है कि जब कोई इतना अहम अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज़ संस्कृत भाषा में अनुवादित किया गया है. यह चार्टर संयुक्त राष्ट्र की बुनियादी संधि है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दी ने कहा कि ‘‘चार्टर अब संस्कृत में उपलब्ध है. इस उत्कृष्ट प्रयास के लिए डॉ. जितेंद्र कुमार त्रिपाठी आपका शुक्रिया.’’ उन्होंने ट्विटर पर चार्टर के संस्कृत कवर की एक तस्वीर भी डाली. त्रिपाठी लखनऊ स्थित अखिल भारतीय संस्कृत परिषद के सचिव हैं. संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय संगठन सम्मेलन के खत्म होने के साथ अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में 26 जून, 1945 को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किया गया था और यह 24 अक्तूबर, 1945 से प्रभाव में आया. चार्टर संयुक्त राष्ट्र की सभी छह आधिकारिक भाषाओं में उपलब्ध है.