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संविधान और मूल कर्तव्यों का निर्वहन अधिवक्ता द्वारा ही संभव – न्यायाधीश नारायण शुक्ल जी

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IMG_20151121_190249मेरठ (विसंकें). जिला जज आर के गौतम ने कहा कि समाज में सभी को न्याय मिले, यही मानव धर्म है. इसीलिए अधिवक्ता परिषद का मंत्र ही है ‘न्याय मम धर्मः’. वह अधिवक्ता परिषद् द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे. मेरठ के साकेत स्थित शिव मंदिर सभागार में संविधान दिवस एवं अधिवक्ता दिवस के उपलक्ष्य में ‘मूल कर्तव्यों का अनुपालन और अधिवक्ता की भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शशि प्रकाश सिंह ने अधिवक्ता परिषद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिवक्ता परिषद राष्ट्र का अधिवक्ता है.

गोष्ठी के मुख्य वक्ता इलाहाबाद हाईकार्ट के लखनऊ बैंच के न्यायाधीश नारायण शुक्ल जी ने कहा कि संविधान और मूलभूत कर्तव्यों का समाज में निर्वहन अधिवक्ता द्वारा ही संभव है. अधिवक्ता ही ऐसी कड़ी है जो समाज और उसके अधिकारों को संविधान से जोड़ती है. इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कृष्ण पहल, इकाई अध्यक्ष नरोत्तम गर्ग, महामंत्री विजय त्यागी ने भी विषय पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम में तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं को विदुर सम्मान से सम्मानित किया गया.

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