आगरा (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार जी ने कहा कि समाज को उचित दिशा व मार्गदर्शन देने के लिए पत्रकारिता जगत में नए व उच्च मापदंड स्थापित करने होंगे. मौजूदा परिवेश में नित नई चुनौतियों को देखते हुए पत्रकारों का दायित्व बनता है कि वे जीविका कमाने के अलावा नैतिकता व आदर्श प्रस्तुत करें.
जे नंद कुमार जी नारद जयंती के उपलक्ष्य में विश्व संवाद केंद्र, ब्रज प्रांत द्वारा वैभव पैलेस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. देवर्षि नारद को आदि पत्रकार बताते हुए उन्होंने कहा कि हम भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि संवाद की प्रक्रिया को सुचारू रूप प्रदान करने वाला कोई भारतीय ही था. उन्होंने कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया. नंदकुमार जी वर्ष 1984 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक हैं और अब तक विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं.
उन्होंने देवर्षि नारद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए पत्रकारों से अपील की कि वे नारद जी को अनुकरणीय मानते हुए अपने दायित्व को निभाएं. उन्होंने पहले भारतीय अखबार के बारे में बताया कि किस तरह इसके प्रकाशन के समय मुख पृष्ठ पर देवर्षि नारद जी का चित्र प्रकाशित किया गया था. उनका चित्र प्रकाशित होना, इस बात का परिचायक है कि तत्कालीन पत्रकारों ने उनकी क्रियाशीलता व कार्यशैली देखकर ही शायद नए प्रतिमान गढ़े होंगे. देवलोक में भगवान विष्णु, भगवान शंकर या ब्रह्मा के साथ संवाद स्थापित करने की कला का अनुपम उदाहरण व संवादवाहक के प्रतीक नारद जी द्वारा स्थापित किए गए. मूल्य उत्तरोतर मनन किए जाते रहे, लेकिन आधुनिक भारत में आजादी के बाद नैतिक पतन के चलते सुधारों की जरूरत है. इसके लिए उच्च स्तर पर प्रयास होने चाहिए.
उन्होंने कहा कि किसी भी घटना या परिवेश का विवरण लिखने से पहले पत्रकार को विवेकशील सोच व नैतिक दायित्वों को निभाते हुए शब्द का प्रयोग करना चाहिए. ऐसा न हो कि केवल नकारात्मक सोच ही लेखन में मुख्य कारक बन जाए. उन्होंने कहा कि पश्चिम जगत भारत की ओर देख रहा है. भारत विश्व गुरू बनने जा रहा है. आरोप-प्रत्यारोप के समय देख-समझकर ही अंतिम निर्णय पर पहुंचना चाहिए.
समारोह की अध्यक्षता करते इंद्रप्रस्थ विश्वसंवाद केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल गुप्ता ने कहा कि देवर्षि नारद की पत्रकारिता का स्वरूप लोकशिक्षण का था. इसलिए उनको लोकगुरू भी कहा जा सकता है.
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए चंद्रमोहन सचदेवा ने कहा कि नारद जी के वास्तविक चरित्र पर हम भारतीयों को गर्व है. हमें उनके आदर्शों पर चलने की महती जरूरत है. पंडित देवेश बाजपेयी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए पत्रकारिता के उठते-गिरते प्रतिमानों पर चिंता जताई. कार्यक्रम का संचालन सरस्वती विद्यामंदिर के आर्चाय अमित गौड़ ने किया. इस अवसर पर आगरा महानगर संघचालक विजय गोयल, रामबाग संघ चालक हरीशंकर, पूर्वी-पश्चिमी क्षेत्र के प्रचार प्रमुख कृपा शंकर जी, क्षेत्र व्यवस्था प्रमुख ललित जी, ब्रज प्रांत प्रचारक दिनेश जी, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.