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सोशल मीडिया के प्रयोग में भी राष्ट्र हित, सामाजिक हित का ध्यान रखना चाहिये – जे. नन्दकुमार जी

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वाराणसी (विसंकें). विश्व संवाद केन्द्र काशी तथा पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के केएन उडुप्पा सभागार में आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयन्ती के शुभ अवसर पर पत्रकार सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र की ओर से पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए काशी और सोनभद्र के छह पत्रकारों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

नारद जयंती ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया के अवसर पर ‘‘राष्ट्रीय जीवन में सोशल मीडिया का योगदान’’ विषयक संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नन्दकुमार जी ने कहा कि वर्तमान प्रौद्योगिकीय युग में सोशल मीडिया के समक्ष सच को स्पष्ट कर नकारात्मक व राष्ट्र विरोधी बातों पर अंकुश लगाने सम्बन्धी बड़ी चुनौती है. सोशल मीडिया के तथ्यों को समझकर सही रूप में सबके समक्ष रखने के साथ-साथ भाषा पर भी संयम बरतना चाहिए. सोशल मीडिया की ताकत को पहचानना होगा. यह दुधारी तलवार है, इसे सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता है. सोशल मीडिया से हर वर्ग के लोग जुड़े हैं, इसके चलते इसके द्वारा संचारित बातें समाज पर विशेष प्रभाव डालती हैं.

उन्होंने कहा कि नारद जी सभी घटनाओं की सही जानकारी रखते थे, उन्हें सभी लोकों में सम्मान दिया जाता था. वर्तमान समय में मीडिया से जुड़े लोगों को निष्पक्ष भाव से वास्तविक रूप में समाचारों को प्रस्तुत कर विश्लेषण करना चाहिए ताकि समाज पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़े. सोशल मीडिया राष्ट्रहित में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, ठीक इसके विपरीत कुछ विरोधी तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की छवि धूमिल करने में भी लगे हैं. किन्तु सोशल मीडिया उन सभी मुद्दों को उठाता है जो किन्हीं कारणों से दबा दिए जाते हैं. नन्दकुमार जी ने कहा कि सोशल मीडिया के प्रयोग में निरन्तर राष्ट्रहित एवं सामाजिक हित को ध्यान में रखना चाहिए. सोशल मीडिया को कट पेस्ट एवं शूट एण्ड स्कूट वाली पत्रकारिता से ऊपर उठकर इसके सुधार के लिए बेहतर कदम उठाएं.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी जी ने कहा कि भारत हमेशा कर्तव्य प्रधान रहा है. वर्तमान में अधिकार की बात कुछ आवश्यकता से अधिक हो रही है. आज सोशल मीडिया ने सभी को पत्रकार बना दिया है. अतः समाचार पोस्ट करते समय अपनी जिम्मेदारी को समझने की जरूरत है. सोशल मीडिया का उपयोग लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सोशल मीडिया से जुड़ी अनेक समस्याएं भी आ रही हैं. सोशल मीडिया का उपयोग समाज हित में हो इसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है. सोशल मीडिया के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलुओं को समझना होगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में आप सभी पत्रकार हैं, अतः हमें अपने उत्तरदायित्व के निर्वहन की दिशा में गम्भीरता से विचार करना चाहिए. हम सभी का उत्तरदायित्व है कि अच्छे समाज का निर्माण करना और अपने हित के साथ-साथ राष्ट्र हित को ध्यान में रखना.

विशिष्ट अतिथि डॉ. बाल मुकुन्द पाण्डेय जी ने कहा कि नारद ब्रह्मज्ञानी, अन्तर्दृष्टा एवं व्यास जी के भी गुरु हैं, इसका वर्णन रामायण एवं महाभारत में भी है. नारद हमेशा अन्वेषण करते हैं. अनवरत चलते रहते हैं. नारद दृष्टा और समाज के प्रखर वक्ता हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र कार्यवाह एवं विश्व संवाद केन्द्र के सचिव डॉ. वीरेन्द्र जायसवाल जी ने कहा कि आदि पत्रकार देवर्षि नारद की पत्रकारिता लोक कल्याण की थी. पत्रकारों को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है. महामना मदनमोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश सिंह जी ने विषय स्थापना करते हुए कहा कि देवर्षि नारद आदि पत्रकार हैं. सभी युगों में नारद की चर्चा है. रामायण और महाभारत नारद की प्रेरणा से लिखा गया. हमारा राष्ट्रजीवन अनन्त काल से है. सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय संस्कृति को प्रचारित-प्रसारित करने की जरूरत है.

इस अवसर पर छह पत्रकारों को पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने हेतु सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वाले पत्रकारों में दीनबन्धु राय (आज), विरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (हिन्दुस्तान), राकेश पाण्डेय (दैनिक जागरण), वासुदेव त्रिपाठी (इलैक्ट्रॉनिक मीडिया न्यूज-18), सुशील सिंह (काशीवार्ता), मनोज तिवारी (विन्ध्य न्यूज नेटवर्क) शामिल है.

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