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स्वयंसेवकों के परिश्रम ने संघ को यशस्वी बनाया – हस्तीमल जी

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Hastimal jiमुरादाबाद (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य हस्तीमल जी ने कहा कि आज संघ के पास 90 वर्षों के अनुभव की पूंजी है. 90 वर्षों में संघ ने हिन्दू समाज को एक मंच पर लाने का काम किया है. आज संघ के प्रति पूरी दुनिया के लोगों का विश्वास बढ़ा है. जिस शिखर पर आज संघ विद्यमान है, उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ स्वयंसेवकों का परिश्रम है. हस्तीमल जी मुरादाबाद के रामलीला ग्राउंड में आयोजित एकत्रीकरण के अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को पता है कि क्या करना है और क्या नहीं ? जो काम करना होता है, वह स्वयंसेवक कर देते हैं. स्वयंसेवकों को न भूख की चिन्ता होती है, न ही सुख की चिन्ता होती है. इनके लिये न दिन होता है न रात. पूरा समय सेवा भाव के लिये समर्पित होता है. भारत माता को पुनः परम वैभव पर पहुंचाने के लिये सभी स्वयंसेवकों को फिर से मंथन करना होगा, चिन्तन करना होगा. प्रत्येक स्वयंसेवक का कर्तव्य है कि वह अपने साथ चार स्वयंसेवक और बनाये. जिम्मेदारियां दे, उनसे विनम्र आग्रह करे कि वे राष्ट्र के लिये, भारतीय संस्कृति के लिये चिन्तन करें. देश और समाज पर जब भी कभी कोई संकट आया, संघ का स्वयंसेवक सबसे पहले जाकर खड़ा हुआ. हमसे किसी के कितने भी मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश के लिए संघ ने हमेशा निःस्वार्थ काम किया. वर्ष 1963 में 26 जनवरी के कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री ने स्वयंसेवकों को परेड में भाग लेने का निमंत्रण दिया, जिसमें संघ की दिल्ली शाखा के लगभग 2500 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया. एकत्रीकरण कार्यक्रम के दौरान प्रांत प्रचारक धनीराम, प्रचार विभाग प्रमुख पवन जैन, रवि अशोक सिंघल, अंकित, अमन, संजीव गोयल एंव अन्य स्वयंसेवक मौजूद रहे.

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