अनगड़ा, झारखंड (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि जिनको भारत पसंद नहीं है, वे देश छोड़कर चले जाएं. देश के जो लोग तिरंगे को प्यार नहीं करें, पाकिस्तान का झंडा फहराएं, पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाएं, ऐसे लोग गद्दार हैं. ऐसे लोगों को मौत की सजा होनी चाहिए. इंद्रेश जी रांची जिला के अनगड़ा में चिलदाग स्थित सहोवती देवी पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैंस) की झारखंड इकाई द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं हमारा दायित्व विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुण्डा, विशिष्ट अतिथि के रूप में आरएसएस के प्रांत प्रचारक रविशंकर जी उपस्थित थे.
इंद्रेश जी ने कहा कि पाकिस्तान के सात प्रांतों में आजादी की मांग शुरू हो गई है. जल्द ही पाकिस्तान सात भागों में बंट जाएगा. क्योंकि इस देश को लोकतंत्र नहीं, बल्कि सेना चला रही है. पाक सेना ही भारत के साथ रिश्ते को सामान्य नहीं होने देती है. आजादी के समय भारत से गए 90 लाख मुहाजिरों को पाकिस्तान ने अपना नागरिक मानने से इन्कार कर दिया. डोकलाम विवाद में भारत ने चीन को ताकत का एहसास कराया. उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर भारत का हिस्सा था, जिसे चीन ने हड़प कर रखा है. डोकलाम विवाद में भारत ने अपनी सामरिक ताकत का एहसास चीन को करा दिया हैं. हमें अखंड भारत के लिए प्रतिदिन ईश्वर से अखंड भारत के लिये जाप करना चाहिए. इसके साथ ही देश के प्रति हमारे कर्तव्यों को याद करके काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को आजादी नहीं दिलायी, वरन देश के टुकड़े करवाए. बाबा साहेब आंबेडकर, विनोबा भावे व आचार्य कृपलानी कभी भी 15 अगस्त को लालकिले के स्वतंत्रता समारोह में शामिल नहीं हुए. भगवान बिरसा मुण्डा ने चर्च व अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ आंदोलन चलाया, इसलिए वे भगवान हैं. हमें अपने जीवन मूल्यों को सुरक्षित रखते हुए, आधुनिक विकास पर ध्यान देना होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कुछ आंतरिक व बाहरी ताकतें देश को अस्थिर करने में लगी हैं. भारत को अस्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश की जा रही है. इसका मुकाबला करने के लिए हमें पहले देश के सिद्धांत को मानना होगा. इसके लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाना होगा.
जनरल आरएन सिंह जी ने कहा कि चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध में भारत ने एयरफोर्स का इस्तेमाल किया होता तो परिणाम भिन्न होता. लेकिन पता नहीं किन कारणों से उस वक्त एयरफोर्स का इस्तेमाल सरकार ने नहीं किया. चीन को हराने के लिए भारत के साथ हो रहे व्यापार को कम करना होगा. चीन से हम 60 बिलियन डॉलर का आयात करते हैं. जबकि भारत मात्र 20 बिलियन डॉलर का निर्यात करता है. इस स्थिति को बदलना होगा.