नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद की स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में राजधानी दिल्ली में जगह-जगह मातृशक्ति सम्मेलनों का आयोजन कर विहिप की महिला शाखा मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी महिला सशक्तिकरण तथा राष्ट्र उत्थान के कार्य में जुटी है. पूर्वी दिल्ली में सम्मेलन में मातृशक्ति की क्षेत्रीय (उत्तर भारत) संयोजिका मालती शर्मा ने समाज, संगठन व परिवार में महिलाओं की भूमिका विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज महिला अधिकारों व उसकी स्वच्छंदता की बात तो चारों ओर हो रही है, किंतु त्याग की प्रतिमूर्ति और परिवार की धुरी माने जाने वाली मातृशक्ति को हम भुलाते जा रहे हैं. बहन, पत्नी, मां, दादी, नानी, मासी और बुआ जैसे सम्मान व गौरव आज विलुप्त प्रायः होते जा रहे हैं. इन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है. उपस्थित मातृशक्ति ने देश व धर्म की रक्षार्थ अपना सर्वस्व न्योछावर करने की शपथ भी ली.
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्थित महाराजा अग्रसेन धर्मशाला व दक्षिणी दिल्ली के जीके-2 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित मातृशक्ति सम्मेलनों में महिलाओं की काफी उपस्थिति रही. दुर्गा-वाहिनी की बहनों ने योग, नृत्य तथा शारीरिक कौशल के साथ गीत व भजन गाये, वहीं समाज के विविध क्षेत्रों में न्यूनतम स्तर पर कार्य कर रहीं अनेक बालिकाओं व बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान भी किया गया.
मातृशक्ति की दिल्ली प्रांत संयोजिका संध्या शर्मा, सोमती देवी की अध्यक्षता में संपन्न कार्यक्रमों को राष्ट्रीय सेविका समिति की पूर्वी दिल्ली विभाग कार्यवाहिका अंजु शर्मा तथा गुड़गांव से दुर्गा-वाहिनी नगर संयोजिका प्रो डॉ इंदू ने वक्ता के रूप में सहभागिता की. मातृशक्ति की प्रांत सह संयोजिका नूतन जैन व दुर्गा-वाहिनी की प्रांत संयोजिका संजना चौधरी तथा सह संयोजिका कुमारी कुसुम ने भी उपस्थित बालिकाओं, मातृशक्ति व वरिष्ठ महिलाओं का सम्मान, स्वागत, संबोधन किया.