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अध्ययन और चिंतन द्वारा देश को जागरूक करें पत्रकार

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मेरठ. वरिष्ठ पत्रकार बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि आज नकारात्मक बातों की भरमार हो गई है. इसी कारण लोग भारत में गर्व करने लायक कुछ नहीं है, ऐसा प्रचार कर रहे हैं. इन सबके बीच अध्ययन और चिंतन करके देश को जागृत करने की आवश्यकता है. इसके लिये पत्रकारों को पूरे चिंतन और मनन से काम करने की जरूरत है.

01रविवार, 21 दिसंबर को विश्व संवाद केंद्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ के प्रचार विभाग ने स्वयंसेवक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया. मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार बलदेवभाई शर्मा ने कहा कि देश में भारत को एक राष्ट्र नहीं मानने वालों को यजुर्वेद पढ़ना चाहिये, जिसमें राष्ट्र की ही आराधना की गई है. देश के बौद्धिक वर्ग में शामिल अनेक लोगों में आज भी देश विरोधी भावनायें भरी हुई हैं. मीडिया में भी आगरा की घर वापसी को कथित धर्मांतरण बताकर बवाल किया जा रहा है. धर्मनिरपेक्षता की आड़ में देश की अखंडता और एकता को चुनौती दी जा रही है और लोगों में गुलाम मानसिकता विकसित की जा रही है. ऐसी गुलाम मानसिकता का प्रतिकार करना ही स्वयंसेवक पत्रकारों का कार्य है. कथित धर्मांतरण की सच्चाई को जनता के सामने लाकर बताने का काम पत्रकारों को करना चाहिये. अध्ययन, चिंतन और देशभक्त दृष्टि के द्वारा ही लोगों को जागृत किया जा सकता है.

1इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख और राष्ट्रदेव के संपादक अजय मित्तल ने स्वयंसेवक शब्द की परिभाषा बताते हुए कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने अपने सुख को छोड़कर निस्वार्थ भाव से देश का कार्य करने वाले नेता को ही स्वयंसेवक माना है. यह परिभाषा उन्होंने संघ के शिविर में आये महात्मा गांधी को दी. ऐसे में ही स्वयंसेवक पत्रकारों को भी अपने चिंतन को ध्यान में रखकर देशहित में कार्य करना चाहिये.

हिंदुत्व की परिभाषा को विस्तृत करते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तीन-तीन पीठ हिंदुत्व को पारिभाषित कर चुकी हैं और हिंदुत्व को भारत की आत्मा बताया है. अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रामगोपाल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन महानगर प्रचार प्रमुख सुमंत कुमार ने किया.

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