जलगांव (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 6 जनवरी को जलगांव शहर के नजदीक अहिंसा तीर्थ गौशाला में शुरु होगी. बैठक की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि संघ की 3 प्रमुख अखिल भारतीय बैठकें साल भर में होती हैं. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक हर वर्ष मार्च में होती है. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक दिवाली के पहले और प्रांत प्रचारक बैठक ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण वर्ग के बाद जुलाई में होती है, इसके अलावा सितंबर और जनवरी माह में समन्वय बैठक होती है जो अभी जलगांव में आरंभ हो रही है. बैठक में संघ के प्रमुख अखिल भारतीय पदाधिकारी एवम् विविध क्षेत्रों के प्रमुख कार्यकर्ता (ऐसे करीब 30-35 कार्यकर्ता) भाग लेते हैं. यह सभी कार्यकर्ता अपने संगठन के कार्य हेतू देशभर में सतत प्रवास करते हैं. समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलते हैं, उसके आधार पर परिस्थिति का आंकलन, जानकारी तथा अनुभवों का आदान प्रदान करने के हेतू से ही बैठक का आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि यह कोई निर्णय लेने वाली अथवा निति निर्धारण करने वाली बैठक नहीं है, यह केवल अनुभव और निरीक्षण को सांझा करने वाली बैठक है. आज 05 फरवरी को संघ के प्रमुख पदाधिकारियों ने एकत्र मिलकर पुणे में 03 जनवरी को संपन्न हुए शिवशक्ती संगम के कार्यक्रम की और उससे प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा की तथा 2 दिन तक चलने वाली समन्वय बैठक की रूपरेखा तय की.
डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने बताया कि 11, 12, 13 मार्च को नागौर (राजस्थान) में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक की रूपरेखा भी इसी बैठक में तय होगी. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में 3 जनवरी को पुणे में संपन्न शिवशक्ति संगम की विस्तृत जानकरी देते हुए बताया कि संघ ने अपने कार्य विस्तार हेतू 10-12 गावों के समूह मंडल के नाम से बनाए हैं. पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के 7 शासकीय (सरकारी) जिले और पुणे महानगर से 92 प्रतिशत मंडलों और 3600 ग्रामों से 80,500 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में शिवशक्ति संगम में उपस्थित थे. इसके अलावा 15,000 विशेष निमंत्रित तथा 60,000 नागरिक बंधु भगिनी भी कार्यक्रम में सहभागी हुए थे.