अयोध्या में रामलला अब टेंट के स्थान पर बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजमान होंगे. नवरात्र से पहले अस्थायी मंदिर में स्थापना होगी. इससे पूर्व 20 मार्च से अयोध्या और काशी के विद्वान अस्थायी मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य शुरू कर देंगे. यह प्रक्रिया 24 मार्च तक पूरी होगी. रामनवमी मेले के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में जुटने वाले हैं, इसे लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.
25 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र के पहले दिन रामलला गर्भगृह से निकल कर अस्थायी फाइबर के बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे. जहां रामभक्त रामलला का दर्शन कर सकेंगे. गर्भगृह के दक्षिण की तरफ रामलला के लिए अस्थाई मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.
श्रीराम जन्मभूमि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला को शिफ्ट करने का काम चल रहा है जो 24 मार्च तक पूर्ण हो जाएगा. 25 मार्च को अस्थायी मंदिर में रामलला विराजेंगे और 25 मार्च चैत्र नवरात्र के पहले दिन रामलला की अस्थायी मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी. अभी वर्तमान में बहुत कुछ काम हो गया है और कुछ काम बाकी है.
रामलला को जब अस्थायी विराजमान किया जाएगा तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं रामलला के साथ उपस्थित रहेंगे.
जिस चबूतरे पर (रविवार से) फाइबर मंदिर की फिटिंग का काम शुरू हुआ है. वह 24 फीट लंबा और 17 फीट चौड़ा है. जमीन से इसकी उंचाई साढ़े तीन फीट है. चबूतरे के चारों तरफ मजबूत एंगल का जालीदार सुरक्षा कवच भी तैयार हो रहा है.
अभी तक रामलला के दर्शन 52 फीट की दूरी से होते थे. लेकिन अब दूरी घटाई गई है. श्रद्धालु 20 फीट से दर्शन कर सकेंगे. साथ ही तीन तरफ से गुजरकर परिक्रमा भी कर सकेंगे. चबूतरे के किनारे 15 मीटर चौड़ा व 17 मीटर लंबा मार्ग दर्शन के लिए रखा गया है. 17 मीटर लंबी गैलरी में पूरब दिशा में रामलला का मुख रहेगा. वहीं से दर्शन व आरती की व्यवस्था रहेगी.