असम (विसंकें). एक माह की अवधि में दो निर्दोष हिन्दुओं की हत्या से जनता में आक्रोश है. प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं द्वारा विरध प्रदर्शन किया जा रहा है. दोनों घटनाओं के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग जोर पकड़ रही है. असम के कामरूप, तिनसुकिया, नागाउ, लखीमपुर, नलबाड़ी सहित अन्य जिलों में लोगों ने विरोध प्रदर्शऩ किया. सरकार से भी मांग की है कि ऐसी घटनाओं में शामिल जिहादी तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए. सनातन डेका व ऋतुपर्णा पेगु के हत्या के विरोध में हिन्दू जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, विद्यार्थी परिषद, स्थानीय व्यापारी, व अन्य संस्थाएं विरोध में शामिल हैं. उन्होंने घटनाओं की निंदा की, व आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की.
असम की राजधानी गुवाहाटी के अतिव्यस्त क्षेत्र नूनमती में दिनदहाड़े अली हुसैन के परिवार ने ऋतुपर्णा पेगू की हत्या कर दी थी. घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सीआईडी को घटना की जांच की जिम्मेदारी सौंपी तथा तुरंत कार्यवाही कर हत्याकांड के प्रमुख आरोपी अली हुसैन उसके पिता दुलाल अली, भाई इब्राहिम अली, मां मनवारा बेगम तथा अरमान अली को गिरफ्तार कर रिमांड में जेल भेज दिया. घटना शुक्रवार दिनांक 12 जून 2020 को नूनमति में दोपहर 1:00 बजे की है. जब ऋतुपर्णा अरमान अली की दुकान में र्सी पर बैठा था. आपस में कुछ कहासुनी हो गई. इन लोगों ने उसे मिलकर खूब पीटा व हत्या कर दी. ऋतुपर्णा की पत्नी ने बताया कि अली हुसैन रितुपर्णा का दोस्त था. वह उसे अच्छी तरह से जानता था.
इसी प्रकार सब्जी विक्रेता सनातन डेका की साइकिल एक गाड़ी से टकरा गई थी, जिस पर आरोपियों के साथ बहस हुई और उन्होंने मिलकर सनातन सरेआम हत्या कर दी थी.
नक्सली तरीके से हत्या करना दहशत फैलाता है तथा यह भी दर्शाता है कि मामूली सी बात पर क्रूरता की हद तक जाकर हत्या करना जो उनके मन में भरे जहर को उजागर करता है. दोनों हत्या के पीछे एक विशेष समुदाय के लोग सम्मिलित हैं, जिन्होंने सामान्य सी बात पर दिल दहला देने वाले हत्याकांड को अंजाम दिया. विभिन्न संगठनों द्वारा प्रत्येक जिले में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं, साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन दिया जा रहा है.