भोपाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत 13 फरवरी तक मध्यप्रदेश के प्रवास पर हैं. भोपाल स्थित शारदा विहार में मंगलवार 07 फरवरी को उन्होंने सरकार्यवाह सुरेश ‘भय्याजी’ जोशी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी जी, डॉ. कृष्ण गोपाल जी, दत्तात्रेय होसबाले जी, वी भागय्या जी के साथ बैठक की. संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारियों की इस प्रकार की अनौपचारिक बैठक प्रति दो-तीन माह के अंतर से होती है. मंगलवार को हुई बैठक में पिछले प्रवास एवं आगामी प्रतिनिधि सभा की कार्यसूची के बारे में विचार किया गया. आज 08 फरवरी को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत बैतूल में हिन्दू सम्मलेन को संबोधित करेंगे.
08 फरवरी को बैतूल में हिन्दू सम्मेलन उनके प्रवास का प्रमुख कार्यक्रम है. सरसंघचालक जी का प्रवास संगठनात्मक दृष्टिकोण से होता है, किंतु यह प्रवास सामाजिक दृष्टिकोण से है. वनवासी क्षेत्रों में नगर और ग्राम स्तर पर संघ के प्रयासों से अनेक रचनात्मक कार्य किए जा रहे हैं. संघ के प्रयासों से वनवासी क्षेत्रों में शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए हैं. हिन्दू सम्मेलन में सरसंघचालक जी बदलाव के इन प्रकल्पों को देश के सामने रखेंगे. हिन्दू सम्मेलन में उत्तराखंड के आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज भी उपस्थित रहेंगे.
प्रवास के दौरान सरसंघचालक जी मध्यप्रदेश में आठ दिन रहेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. इनमें 9 फरवरी को बनखेड़ी के समीप स्थित गोविंदनगर में भाऊसाहब भुस्कुटे न्यास का रजत जयंती समारोह, 10 फरवरी को भोपाल में रविदास जयंती पर सेवाभारती द्वारा आयोजित श्रम साधक संगम और 11 फरवरी को चरैवेती द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी पर आयोजित समारोह प्रमुख हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन विद्याभारती और सेवाभारती की ओर से बैतूल और होशंगाबाद के वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा के लिए संस्कार केंद्र, एकल विद्यालय, ग्रामीण आवासीय विद्यालय और वनवासी कोरकु छात्रावास का संचालन किया जा रहा है. संस्कार केंद्रों के माध्यम से माध्यमिक कक्षा तक के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार के पाठ पढ़ाए जा रहे हैं. शिक्षा प्राप्त कर यहाँ के लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. परिणामस्वरूप न केवल इन विद्यार्थियों में सार्थक बदलाव आ रहा है, बल्कि उनके माध्यम से परिवार और परिवार के माध्यम से गाँव एवं नगर में भी परिवर्तन दिखाई दे रहा है. संघ के इन प्रयासों से बैतूल और होशंगाबाद वनवासी क्षेत्रों में आज अनेक गाँवों की तस्वीर बदल गई है. यहाँ के रहवासी स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं. केंद्रों और शाखाओं के माध्यम से चिकित्सा शिविरों का आयोजन करने के साथ स्वास्थ्य के प्रति समाज जागरण किया जा रहा है. समग्र ग्राम विकास की अवधारणा को लेकर काम कर रहे संघ के स्वयंसेवकों के प्रयास से वनवासी क्षेत्रों के गांव में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिला है. कई गाँव में घूरे (कचरा फैंकने का स्थान) प्लास्टिक मुक्त हो गए हैं. बोरी बंधान की मदद से किसान बारिश के पानी का संग्रहण कर उसका उपयोग खेती में कर रहे हैं. स्वयं सहायता समूहों की मदद से कमजोर तबकों को आर्थिक स्वावलंबी बनाया जा रहा है.
भारत-भारती : बैतूल में विद्या भारती के प्रकल्प ‘भारत भारती’ का भ्रमण भी सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी करेंगे. विद्याभारती का यह प्रकल्प गौ संवर्धन, कृषि विकास, जैविक कृषि, मूल्य आधारित शिक्षा, व्यावहारिक शिक्षा और अपशिष्ट प्रबंधन का आदर्श मॉडल है.
बैतूल जेल भी जाएंगे सरसंघचालक : अपने इस प्रवास के दौरान सरसंघचालक जी बैतूल जेल भी जाएंगे. 68 साल पहले 1948 में संघ पर प्रतिबंध लगाया गया था. संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ को बैतूल जेल में ही रखा गया था.
आदर्श प्रकल्प है भाऊसाहब भुस्कुटे न्यास : होशंगाबाद जिले के बनखेड़ी के समीप गोविंदनगर में भाऊसाहब भुस्कुटे न्यास का प्रकल्प संघ की प्रेरणा से संचालित है. इस प्रकल्प के माध्यम से बांस और मिट्टी शिल्प को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. न्यास द्वारा एक आदर्श गौशाला का संचालन भी किया जाता है. न्यास के 25 वर्ष पूर्ण होने पर 9 फरवरी को रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सरसंघचालक शामिल होंगे. इस प्रकल्प के कारण आसपास के गाँव में बड़ा बदलाव आया है. लगभग 40 गाँवों से लाभार्थी लोग यहाँ आयेंगे, उनसे सरसंघचालक जी बात करेंगे.
श्रम साधक संगम 10 फरवरी को : सरसंघचालक डॉ. भागवत जी 10 फरवरी को दोपहर 3:30 बजे रविदास जयंती के अवसर पर सेवाभारती की ओर से भोपाल में सायं चार बजे लाल परेड मैदान पर आयोजित श्रम साधक संगम में शामिल होंगे. सेवाभारती द्वारा भोपाल की पिछड़ी बस्तियों में शिक्षा, संस्कार केंद्र और छात्रावास संचालित किए जाते हैं. इसके साथ ही समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई, कड़ाई, बुनाई केंद्रों का संचालन किया जाता है. सांस्कृतिक जागरण के लिए भजन और स्वाध्याय मंडलियों का संचालन भी किया जाता है. बुजुर्गों की सेवा के लिए आनंदधाम और शिशुओं के आश्रय के लिए मातृछाया जैसे प्रकल्प संचालित हैं. आनंदधाम में स्वास्थ्य केंद्र के जरिए भी अनेक लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है. श्रम साधक संगम में शामिल होकर सरसंघचालक डॉ. भागवत जी समाजसेवा के इन्हीं प्रयासों को सबके सामने रखेंगे, ताकि अन्य समाज भी प्रेरित हो सके. इस कार्यक्रम में श्रम साधना में लगे अन्य लोग भी शामिल होंगे.
इन कार्यक्रमों में भी होंगे शामिल :
11 फरवरी को सुबह 10:30 बजे भारत भवन में वरिष्ठ पत्रकार विजय मनोहर तिवारी की पुस्तक ‘भारत की खोज में मेरे पांच साल’ का विमोचन.
संत हिरदयराम कन्या महाविद्यालय, बैरागढ़ में 11 फरवरी को दोपहर 3 बजे चरैवेति की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी के संदर्भ में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय : एक विचार’ विषय पर आयोजित व्याख्यान माला.
प्रांत कार्यकारिणी की बैठक : सरसंघचालक 12-13 फरवरी को उज्जैन में आयोजित प्रांत कार्यकारिणी की बैठक लेंगे. इसमें मध्यक्षेत्र के चारों प्रांत मध्यभारत, महाकौशल, मालवा और छत्तीसगढ़ प्रांत के पदाधिकारी शामिल होंगे.