नई दिल्ली. कोरोना संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन घोषित है. संयुक्त व एकल परिवारों में कुछ विवादों की बात भी सामने आ रही है. राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भी पारिवारिक विवाद की शिकायतें आई हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध परिवारों की महिला कार्यकर्ताओं ने भी इस बात पर चिंता व्यक्त की है. छोटे-छोटे घरों में रहने वाली महिलाएं, लॉकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं का नौकरी जाना और अस्वस्थ्य महिलाओं को उचित वक्त पर मेडिकल सुविधा न मिलना जैसे कारणों के चलते महिलाओं में चिंता और तनाव के लक्षण पैदा होते जा रहे हैं. इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए संघ ने लॉकडाउन में महिलाओं की सहायता के लिए हेल्पलाइन सेवा (नंबर -‘817-817-1234’) शुरू की है.
हेल्पलाइन सेवा के साथ दिल्ली की महिला अधिवक्ता, डॉक्टर, कारोबारी, प्रोफेसर, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और दूसरे क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं बड़ी संख्या में जुड़ी हैं, जो संघ के स्वयंसेवकों के परिवारों से संबंधित कार्यकर्ता हैं. संघ की तरफ से शुरू की गई हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाओं की समस्या का निदान किया जाएगा और उनकी काउंसलिंग भी की जाएगी. लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संघ से जुड़ी महिलाएं पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निदान करेंगी.
हेल्पलाइन नंबर 817-817-1234 पर महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में फोन कर सुझाव और निदान मांग सकती हैं. परामर्श और समस्या समाधान दोनों के लिए कॉल कर सकते हैं और काउंसलर के समक्ष अपनी समस्या भी रख सकती हैं.
एडवोकेट प्रतिमा लाकड़ा का कहना है कि हमारा उद्देश्य लॉकडाउन में परेशान महिलाओं का मार्गदर्शन करना और उन्हें सहायता दिलाने के साथ ही उन्हें उचित कानूनी और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना है. पुरुष और महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं. उन्होंने कहा कि आज सारा देश जब कोरोना संकट से लड़ाई लड़ रहा है तो हमें अपने घर की महिलाओं के प्रति भी सम्मान का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा सन्देश जाए. उन्होंने कहा कि संघ ने जो हेल्प लाइन शुरू की है, वह उनका एक छोटा सा प्रयास है. जिसके द्वारा हम लॉकडाउन में पीड़ित महिलाओं की सहायता करना चाहते हैं.