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इंदौर में कब्रिस्तान के आंकड़ों ने जांच एजेंसियों के कान खड़े किए

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मार्च माह में 130 दफन, अप्रैल के पहले आठ दिनों में 163 जनाजे पहुंचे

इंदौर. कोरोना संक्रण के लिहाज से हॉट स्पॉट शहर के क्षेत्रों में मृत्यु का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है. जिसने एजेंसियों के कान भी खड़े कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि आंकड़े सामने आने के पश्चात एजेंसियों से जांच शुरू कर दी है. जिसकी रिपोर्ट आगामी कुछ दिनों में सामने आएगी. स्वास्थ्य विभाग ने भी निरीक्षण शुरू करवा दिया है.

इंदौर शहर में चार कब्रिस्तानों में मार्च माह में 130 जनाजे पहुंचे थे, वहीं अप्रैल माह के पहले छह दिनों में आंकड़ा 127 था और सात को 145 पर पहुंच गया तो वहीं बुधवार को यह आंकड़ा 163 पर पहुंच गया. कोरोना संक्रण के लिहाज से कंटेनमेंट एरिया बने अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में मृत्यु का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर शमशान घाट में आने वाले शवों की संख्या पूर्व की भांति ही बना हुआ है. जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने खजराना में सर्वे शुरू किया है.

जानकारी के अनुसार खजराना, चंदनगर, रानीपुर-दौलतगंज-हाथीपाला, आज़ादनगर, टाटपट्टी बाखल-सिलावटपुरा और बॉम्बे बाज़ार क्षेत्रों में कोरोनो वायरस पॉजिटिव के सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं. सवाल खड़े होना स्वाभाविक है क्योंकि क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल है, और तबलीगी जमात में शामिल होने के पश्चात आए लोग जगह-जगह छिपे बैठे, उनमें काफी लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. तो कहीं ऐसा तो नहीं कि इन क्षेत्रों में भी बीमारी की बात को छिपाया जा रहा हो. फिलहाल प्रशासन मामले में सतर्क हो गया है, और आंकड़े एकत्रित कर रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कनेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि इसकी जांच करवा रहे हैं. हालांकि जिनकी मृत्यु हुई है, उनके परिजनों से बातचीत में फिलहाल ये सामने आया है कि किसी में कोरोना के लक्षण नहीं थे. फिर भी तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं. पिछले साल के भी आंकड़े निकलवाए जा रहे हैं.

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